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संविदा भंग
संविदा भंग पेज: सामान हानि, किराया वसूली, एजेंट‑प्रिंसिपल, निषेधाज्ञा और हर्जाने हेतु हिंदी ड्राफ्ट्स—नोटिस, लिमिटेशन व ड्राफ्टिंग टिप्स सहित.
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Quick Overview
All templates are provided for reference and should be reviewed by legal professionals before use.
Frequently Asked Questions
Common questions about संविदा भंग legal templates
इस ‘संविदा भंग’ पेज का उद्देश्य क्या है?
यह पेज अनुबंध उल्लंघन के मामलों में हर्जाना, किराया वसूली, निषेधाज्ञा और वैकल्पिक एजेंट‑प्रिंसिपल दावों के लिए तैयार‑उपयोग हिंदी ड्राफ्ट्स देता है.
कौन‑कौन से ड्राफ्ट शामिल हैं?
अभिवहन में सामान की हानि पर हर्जाना, एजेंट/प्रिंसिपल के विरुद्ध वैकल्पिक वाद, किराया वसूली व संविदा भंग, तामील न करने पर हर्जाना, और संविदा भंग को रोकने हेतु निषेधाज्ञा.
संविदा भंग वाद दर्ज करने के मूल तत्व क्या हैं?
वैध अनुबंध, प्रतिवादी का उल्लंघन, वादी का पालन/तैयारी, और वास्तविक हानि/नुकसान का स्पष्ट ब्योरा व साक्ष्य अनिवार्य हैं.
ड्राफ्टिंग करते समय किन दस्तावेजों को संलग्न करें?
अनुबंध/PO, चालान/डिलीवरी प्रूफ, ईमेल/पत्राचार, भुगतान/बकाया रेकॉर्ड, नोटिस व सेवा प्रमाण, और नुकसान का आकलन/विशेषज्ञ रिपोर्ट.
क्या वैकल्पिक रूप से एजेंट और कथित प्रिंसिपल दोनों को पक्षकार बनाया जा सकता है?
हाँ, प्राइवी/अथॉरिटी अस्पष्ट हो तो वैकल्पिक प्लीडिंग में एजेंट व कथित प्रिंसिपल दोनों के खिलाफ दावा रख सकते हैं.
निषेधाज्ञा (injunction) कब मांगी जाती है?
जब प्रतिवादी द्वारा संविदा भंग को रोकना जरूरी हो या अपरिवर्तनीय क्षति का जोखिम हो—तब स्थायी/अंतरिम निषेधाज्ञा हेतु प्रार्थना करें.
किराया वसूली के साथ संविदा भंग का दावा कैसे जोड़े?
लीज/किरायानामा, बकाया गणना, नोटिस, और उल्लंघन का विवरण देकर किराया वसूली के साथ हर्जाने/ब्याज का सम्मिलित दावा करें.
अभिवहन में सामान हानि पर दावे के आवश्यक तत्व क्या हैं?
कंसाइनमेंट विवरण, L/R, डैमेज/शॉर्टेज रिपोर्ट, डिलीवरी रिसीट/प्रोटेस्ट, और हानि का मूल्यांकन—देरी/हानि की वजह व कारण-परिणाम दिखाएँ.
लिमिटेशन और ब्याज कैसे दर्शाएँ?
अनुबंध/कारण‑ए‑कार्रवाई की तिथि के आधार पर अवधि लिखें; क्लॉज़/कस्टम के अनुसार ब्याज दर, अवधि और गणना स्पष्ट करें.
किस अदालत का क्षेत्राधिकार चुनें?
अनुबंध की जुरिस्डिक्शन क्लॉज़, कारण‑ए‑कार्रवाई का उदय, प्रतिवादी/वादी का स्थान, व संपत्ति/डिलीवरी स्थान के आधार पर उचित न्यायालय चुनें.