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सुचना का अधिकार
सूचना का अधिकार: RTI अधिनियम 2005 के तहत धारा 6(1)/7 आवेदन के 9 हिंदी टेम्पलेट—ड्राफ्टिंग टिप्स, फीस, समयसीमा, अपील और छूट प्रावधान सहित.
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Quick Overview
All templates are provided for reference and should be reviewed by legal professionals before use.
Frequently Asked Questions
Common questions about सुचना का अधिकार legal templates
इस ‘सूचना का अधिकार’ पेज पर क्या उपलब्ध है?
RTI अधिनियम 2005 के अंतर्गत धारा 6(1) और धारा 7 के अनुसार सूचना माँगने के 9 हिंदी आवेदन टेम्पलेट, जिन्हें विभिन्न विभागों में सीधे उपयोग किया जा सकता है.
RTI आवेदन (धारा 6(1)) में क्या शामिल होना चाहिए?
आवेदक का नाम/पता/संपर्क, PIO का नाम/विभाग, मांगी गई सूचना के बिंदुवार प्रश्न, अवधि/फाइल नंबर (यदि ज्ञात), फीस विवरण, संलग्नक सूची और वांछित रूप (हार्ड/ईमेल).
धारा 7 के तहत समयसीमा क्या है?
CPIO को 30 दिनों में जवाब देना होता है; जीवन/स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में 48 घंटे; तीसरे पक्ष मामलों में 40 दिन तक लग सकते हैं.
RTI फीस कैसे जमा करें?
आम तौर पर ₹10—इंडियन पोस्टल ऑर्डर (IPO), डिमांड ड्राफ्ट, नकद रसीद, या राज्य/केंद्र के RTI पोर्टल पर ऑनलाइन भुगतान; BPL आवेदक फीस से मुक्त होते हैं.
कौन‑सी सूचनाएँ RTI से बाहर हैं?
धारा 8/9 के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा, व्यापारिक गोपनीयता, व्यक्तिगत जानकारी (अनुचित गोपनीयता उल्लंघन) आदि; व्यापक सार्वजनिक हित होने पर कुछ छूटें ओवरराइड हो सकती हैं.
गलत विभाग को भेजने पर क्या होता है?
CPIO को 5 दिनों में उचित प्राधिकरण को ट्रांसफर करना चाहिए और आवेदक को सूचित करना चाहिए; बेहतर है पहले सही PIO की जानकारी जाँच लें.
समय पर सूचना न मिलने पर क्या उपाय हैं?
प्रथम अपील 30 दिनों के अंदर विभागीय अपीलीय प्राधिकारी (FAA) को; फिर आवश्यकता हो तो सूचना आयोग में द्वितीय अपील/शिकायत दर्ज करें.
ड्राफ्टिंग के व्यावहारिक टिप्स क्या हैं?
स्पष्ट, बिंदुवार प्रश्न पूछें; ‘क्यों/क्यों नहीं’ जैसे मताभिमत/स्पष्टीकरण के बजाय रिकॉर्ड‑आधारित दस्तावेज/एंट्री/सर्टिफाइड कॉपी माँगें; समयावधि निर्दिष्ट करें.
क्या ईमेल से RTI भेजी जा सकती है?
कई केंद्रीय/राज्य विभाग ऑनलाइन पोर्टल/ईमेल स्वीकारते हैं; जहाँ ऑनलाइन सुविधा न हो वहाँ डाक से फिजिकल आवेदन और फीस संलग्न करें.
BPL आवेदक क्या संलग्न करें?
मान्य BPL प्रमाणपत्र/कार्ड की प्रति संलग्न करें और आवेदन में फीस छूट का उल्लेख करें; कॉपी शुल्क भी प्रायः माफ होता है.