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न्यूनतम मजदूरी विषयक
न्यूनतम मजदूरी विषयक: धारा 20(2) अधिनियम 1948 के तहत कर्मचारी द्वारा वेतन अंतर/क्षतिपूर्ति हेतु आवेदन का हिंदी ड्राफ्ट—साक्ष्य, प्रक्रिया और टिप्स सहित.
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Quick Overview
All templates are provided for reference and should be reviewed by legal professionals before use.
Frequently Asked Questions
Common questions about न्यूनतम मजदूरी विषयक legal templates
धारा 20(2) के तहत आवेदन कब किया जाता है?
जब नियोक्ता द्वारा न्यूनतम निर्धारित वेतन से कम भुगतान हुआ हो, वेतन बकाया या भत्तों का अंतर देय हो, तब अधिकृत प्राधिकरण के समक्ष धारा 20(2) में दावा दायर किया जाता है.
आवेदन किसके समक्ष दायर होता है?
राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित ‘अधिकृत प्राधिकरण’ (जैसे श्रम न्यायाधीश/उप-श्रम आयुक्त/अधिकृत अधिकारी) के समक्ष क्षेत्राधिकार अनुसार आवेदन दायर होता है.
दावे के साथ किन दस्तावेजों को संलग्न करें?
नियुक्ति/उपस्थिति/वेतन रजिस्टर की प्रतियां, वेतन पर्ची, बैंक स्टेटमेंट, न्यूनतम वेतन अधिसूचना (रेट), काम के घंटे/ओवरटाइम विवरण, पहचान/पता प्रमाण और प्राधिकरण-निर्धारित सत्यापन/हलफनामा.
दावे में क्या-क्या राहत मांगी जा सकती है?
न्यूनतम वेतन के अनुसार वेतन अंतर की वसूली, वैधानिक क्षतिपूर्ति/दंड, ओवरटाइम/DA का भुगतान और आदेश के अनुपालन हेतु उपयुक्त निर्देश.
सीमा अवधि (Limitation) क्या है?
सामान्यतः निर्धारित समय के भीतर आवेदन करना चाहिए; विलंब होने पर कारण दर्शाकर विलंब-क्षमा का अनुरोध किया जा सकता है—राज्य नियम/प्राधिकार के निर्देश देखें.
क्या ठेका/आउटसोर्स कर्मचारी भी आवेदन कर सकते हैं?
हाँ, यदि वे निर्दिष्ट रोजगार के अंतर्गत आते हैं और वास्तविक भुगतान न्यूनतम दर से कम है, तो मुख्य नियोक्ता/कॉन्ट्रैक्टर के विरुद्ध दावा सम्भव है, तथ्यों/अनुबंध के अनुसार.
वेतन अंतर का हिसाब कैसे जोड़ें?
अवधि-वार कार्य-दिवस/घंटे, अधिसूचित न्यूनतम दर (बेस + DA) बनाम वास्तविक भुगतान का तुलना-चार्ट बनाएं; ओवरटाइम/त्योहार/साप्ताहिक अवकाश नियमों के अनुसार जोड़ें.
क्या सामूहिक (ग्रुप) आवेदन दायर हो सकता है?
इसी प्रकार के दावे व समान नियोक्ता/स्थल होने पर समूह में आवेदन किया जा सकता है; प्रत्येक कर्मी का विवरण और व्यक्तिगत अंतर गणना संलग्न करें.
प्रक्रिया में आगे क्या होता है?
प्राधिकरण नोटिस जारी कर दोनों पक्षों की सुनवाई करता है, रिकॉर्ड देखता है और वेतन अंतर/क्षतिपूर्ति पर आदेश पारित करता है; अनुपालन न होने पर प्रवर्तन कदम उठाए जा सकते हैं.
ड्राफ्टिंग के मुख्य बिंदु क्या रखें?
नियोक्ता/संस्था का पूरा विवरण, रोजगार की प्रकृति, अधिसूचित दरें व प्रभावी तिथियाँ, वास्तविक भुगतान का विवरण, अवधि-वार अंतर, मांग की गई राहतें, संलग्नक सूची और सत्यापन.