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विवाह विषयक
विवाह विषयक: हिन्दू, विशेष व मुस्लिम विवाह से जुड़े हिंदी टेम्पलेट—तलाक, न्यायिक वियोजन, दाम्पत्य अधिकार, निर्वाह भत्ता, पंजीकरण, मेहर/दहेज वसूली, और आय शपथपत्र.
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Quick Overview
All templates are provided for reference and should be reviewed by legal professionals before use.
Frequently Asked Questions
Common questions about विवाह विषयक legal templates
इस ‘विवाह विषयक’ निर्देशिका में क्या‑क्या टेम्पलेट मिलेंगे?
हिन्दू विवाह अधिनियम, विशेष विवाह अधिनियम और मुस्लिम वैवाहिक दावों हेतु याचिकाएँ/वाद—तलाक (धारा 13/13B), न्यायिक वियोजन (धारा 10), दाम्पत्य अधिकार, निर्वाह भत्ता, विवाह पंजीकरण/घोषणा, बातिलीकरण, और मेहर/दहेज वसूली के नमूने.
हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत कौन‑कौन सी प्रमुख याचिकाएँ उपलब्ध हैं?
विवाह विच्छेद (धारा 13), पारस्परिक सहमति से तलाक (धारा 13B), न्यायिक वियोजन (धारा 10), बातिलीकरण/अकृतता डिक्री, धारा 24 के अंतर्गत वादकालीन निर्वाह भत्ता, और प्रक्रिया सम्बन्धी आवेदन (Order VI Rule 17, धारा 151 CPC).
विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत कौन से ड्राफ्ट उपयोगी हैं?
विवाह पंजीकरण/घोषणा (धारा 11/15), विवाह विच्छेद और बातिलीकरण, दाम्पत्य अधिकार प्रत्यास्थापन, न्यायिक पृथक्करण, वादकालीन निर्वाहिका, तथा विवाह विच्छेद की याचिकाएँ.
मुस्लिम विवाह से जुड़े कौन से दावे कवर हैं?
तुरंत मेहर की वसूली, विवाह विच्छेद/विघटन के बाद मेहर वसूली, तत्पर दहेज/स्ट्रिधन की वसूली, और विवाह समाप्ति के उपरांत दहेज वापसी के वाद.
पारस्परिक सहमति से तलाक (Mutual Consent) में क्या शर्तें होती हैं?
विवाह का न्यूनतम वैवाहिक अवधि, पृथक निवास की अवधि, दोनों पक्षों की स्वतंत्र सहमति, समझौतों (अलिमनी, स्ट्रिधन, बच्चे की कस्टडी/भरण‑पोषण) का स्पष्ट उल्लेख, और निर्धारित कूलिंग‑ऑफ अवधि/छूट के अनुरूप दायर करना.
न्यायिक वियोजन और तलाक में क्या अंतर है?
न्यायिक वियोजन में विवाह बना रहता है पर सहजीवन से कानूनी पृथक्करण मिलता है; तलाक में विवाह विच्छेद होकर वैवाहिक संबंध समाप्त हो जाते हैं.
दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन की याचिका कब दाखिल होती है?
जब जीवनसाथी बिना उचित कारण के संग रहने से इंकार कर रहा हो; याचिका में विवाह, पृथक रहना, अनुचित कारण का अभाव और साथ रहने की इच्छा/तैयारी का उल्लेख करें.
वादकालीन निर्वाह (interim maintenance) हेतु क्या संलग्न करें?
आय/व्यय का शपथपत्र (Income Affidavit), रोजगार/व्यवसाय, बैंक स्टेटमेंट/कर दस्तावेज, आश्रितों का विवरण, आवश्यक खर्चे (किराया, चिकित्सा, शिक्षा) और प्रतिवादी की अनुमानित आय/संसाधन.
मेहर/दहेज वसूली के वाद में किन तथ्यों पर जोर दें?
निकाहनामे/मेहर की शर्तें, देय/अदेय रकम, विवाह/तलाक की तिथियाँ, भुगतान/अभुगतान का रिकॉर्ड, दहेज/स्ट्रिधन की सूची और मांग‑सूचना/नोटिस का विवरण.
बातिलीकरण (annulment) किस आधार पर मांगा जा सकता है?
वैवाहिक अकृतता/शून्यता के आधार जैसे वैधानिक निषेध, सहमति का अभाव/कपट, क्षमता/आयु/प्रतिबंध, या वैधानिक शर्तों का उल्लंघन; उपयुक्त अधिनियम के आधार और साक्ष्य जोड़ें.