Logo
Court Book - India Code App - Play Store

अगर डॉक्टरों को केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का कानूनी आदेश दिया जाए, तो फार्मा कंपनियों द्वारा घूस देने की समस्या खत्म हो जाएगी: सुप्रीम कोर्ट

2 May 2025 1:59 PM - By Shivam Y.

अगर डॉक्टरों को केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का कानूनी आदेश दिया जाए, तो फार्मा कंपनियों द्वारा घूस देने की समस्या खत्म हो जाएगी: सुप्रीम कोर्ट

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री में हो रही अनैतिक गतिविधियों पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि अगर डॉक्टरों को केवल जेनेरिक दवाएं लिखने के लिए कानूनी रूप से बाध्य किया जाए, तो फार्मा कंपनियों द्वारा डॉक्टरों को महंगी ब्रांडेड दवाएं लिखवाने के लिए दी जा रही घूस की समस्या का समाधान हो सकता है।

“अगर जेनेरिक दवाएं लिखने का कानूनी आदेश दिया जाए, तो ये अनैतिक प्रथाएं नियंत्रित की जा सकती हैं,” कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि फार्मा कंपनियां डॉक्टरों को अनावश्यक या अतार्किक दवाएं लिखने के लिए घूस दे रही हैं और उन्हें महंगी ब्रांडेड दवाओं की सिफारिश करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।

Read Also:- पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा - पाकिस्तान भेजे जा रहे परिवार की नागरिकता की जांच करें

इस याचिका में मांग की गई है कि यूनिफॉर्म कोड ऑफ फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेस को कानूनी रूप दिया जाए। जब तक ऐसा न हो, तब तक याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह अनैतिक विपणन गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश तय करे। इस मामले में मार्च 2022 में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया था।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह मामला समय लेगा, इसलिए इसे अवकाश के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक हाई पावर्ड कमेटी गठित की है, लेकिन कोर्ट के रिकॉर्ड में यह स्पष्ट नहीं है कि समिति ने क्या सिफारिशें दी हैं।

Read Also:- अनुच्छेद 142 के तहत मध्यस्थता पुरस्कारों में सीमित संशोधन संभव: सुप्रीम कोर्ट का फैसला; न्यायमूर्ति विश्वनाथन का असहमति मत

इस दौरान न्यायमूर्ति मेहता ने पूछा:

“क्या कोई ऐसा कानून है जो डॉक्टरों को केवल जेनेरिक दवाएं लिखने के लिए बाध्य करता है और किसी ब्रांड विशेष की दवा नहीं लिखने देता?”

उन्होंने आगे बताया कि राजस्थान में पहले से एक निर्देश जारी किया गया है, जो एक जनहित याचिका (विजय मेहता मामला) के जरिए आया, जिसके तहत सभी डॉक्टरों को अब केवल जेनेरिक दवाएं ही लिखनी होती हैं। उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए एक मॉडल बन सकता है।

“अगर यह निर्देश पूरे देश में लागू कर दिया जाए, तो यह सारी समस्याएं खत्म हो सकती हैं,” न्यायमूर्ति मेहता ने कहा।

Read Also:- राजस्थान हाईकोर्ट ने बालिका की शिक्षा के अधिकार को माना, बलात्कार पीड़िता की पढ़ाई का खर्च राज्य उठाएगा

याचिकाकर्ता के वकील ने उत्तर दिया कि अभी देशभर में ऐसा कोई कानूनी आदेश नहीं है, केवल एक स्वैच्छिक कोड लागू है। हालांकि, प्रतिवादी पक्ष के वकील ने बताया कि भारतीय चिकित्सा परिषद पहले से ही डॉक्टरों को केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश दे चुकी है।

इसके बावजूद, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तारीख तय की है।

यह याचिका फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएमआरएआई) ने दायर की है, जो 1963 में ट्रेड यूनियन एक्ट, 1926 के तहत पंजीकृत एक राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन है। इसके स्थानीय कार्यालय देश के 300 से अधिक शहरों और कस्बों में हैं। अन्य याचिकाकर्ताओं में एफएमआरएआई के सचिव और जन स्वास्थ्य अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक शामिल हैं, जो पिछले 40 वर्षों से फार्मा उद्योग पर नजर रखे हुए हैं।

Read Also:- सुप्रीम कोर्ट का 2021 का फैसला: SECC 2011 की जाति संबंधी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई

2005 से ये संगठन फार्मास्युटिकल उद्योग में अनैतिक विपणन गतिविधियों को रोकने के लिए एक कानूनी नैतिक विपणन कोड की मांग कर रहे हैं। यह याचिका वकील सुरभि अग्रवाल द्वारा तैयार की गई और वकील अपर्णा भाट के माध्यम से दाखिल की गई है।

“हम फार्मा कंपनियों द्वारा डॉक्टरों को अनैतिक तरीके से प्रभावित करने से रोकने के लिए कानूनी कोड की मांग कर रहे हैं,” याचिकाकर्ताओं ने दलील दी।

केस विवरण: फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य |डब्ल्यू.पी.(सी) संख्या 323/2021

Similar Posts

दिल्ली कोर्ट ने राष्ट्रीय हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी को जारी किया नोटिस

दिल्ली कोर्ट ने राष्ट्रीय हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी को जारी किया नोटिस

2 May 2025 7:46 PM
संकट के समय सुरक्षा बलों का मनोबल न गिराएं: सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले की न्यायिक जांच की याचिका खारिज की

संकट के समय सुरक्षा बलों का मनोबल न गिराएं: सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले की न्यायिक जांच की याचिका खारिज की

1 May 2025 3:12 PM
जेएंडके हाईकोर्ट ने पूर्व पुलिस कांस्टेबल की पाकिस्तान निर्वासन प्रक्रिया रोकी, दीर्घकालिक सेवा और निवास को माना वैध

जेएंडके हाईकोर्ट ने पूर्व पुलिस कांस्टेबल की पाकिस्तान निर्वासन प्रक्रिया रोकी, दीर्घकालिक सेवा और निवास को माना वैध

2 May 2025 10:35 AM
एक बार MOV-04 में माल का सत्यापन हो जाए, तो विभाग बाद में अपना रुख नहीं बदल सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

एक बार MOV-04 में माल का सत्यापन हो जाए, तो विभाग बाद में अपना रुख नहीं बदल सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

30 Apr 2025 4:39 PM
अपराध की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस स्टेशन जाने वाले नागरिकों को सम्मानपूर्वक व्यवहार करने का अधिकार है: सुप्रीम कोर्ट

अपराध की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस स्टेशन जाने वाले नागरिकों को सम्मानपूर्वक व्यवहार करने का अधिकार है: सुप्रीम कोर्ट

30 Apr 2025 6:37 PM
अप्रैल 2018 के बाद के लेनदेन में ई-वे बिल का भाग बी भरना अनिवार्य: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

अप्रैल 2018 के बाद के लेनदेन में ई-वे बिल का भाग बी भरना अनिवार्य: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

29 Apr 2025 9:06 AM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एसडीएम को लगाई फटकार, मेडिकल बोर्ड गठित करने को न्यायिक क्षेत्र में दखल बताया

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एसडीएम को लगाई फटकार, मेडिकल बोर्ड गठित करने को न्यायिक क्षेत्र में दखल बताया

29 Apr 2025 2:35 PM
सुप्रीम कोर्ट ने केरल HC के मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ DA मामले में CBI जांच के निर्देश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने केरल HC के मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ DA मामले में CBI जांच के निर्देश पर रोक लगाई

30 Apr 2025 3:59 PM
कोर्ट में राजनीतिक भाषण न दें: कॉलेजियम प्रणाली के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की मांग करने पर CJI ने वकील को फटकार लगाई

कोर्ट में राजनीतिक भाषण न दें: कॉलेजियम प्रणाली के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की मांग करने पर CJI ने वकील को फटकार लगाई

29 Apr 2025 4:46 PM
JEE Main दोबारा परीक्षा से इनकार: ट्रैफिक जाम की वजह से लेट होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की

JEE Main दोबारा परीक्षा से इनकार: ट्रैफिक जाम की वजह से लेट होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की

30 Apr 2025 4:16 PM