TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के भर्ती प्रबंधक मानव शर्मा की आत्महत्या ने पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य और वैवाहिक तनाव से जुड़े गंभीर मुद्दों को उजागर किया है। 24 फरवरी 2025 को आगरा, उत्तर प्रदेश में अपने घर पर आत्महत्या करने से पहले, उन्होंने एक भावुक 6.57 मिनट का वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने अपनी तकलीफों को बयान किया।
"कृपया पुरुषों के बारे में सोचें, वे बहुत अकेले होते हैं"
अपने वीडियो संदेश में मानव शर्मा ने कहा:
"माफ करना मम्मी-पापा, मैं अपनी पत्नी से तंग आ चुका हूँ। कोई तो पुरुषों के बारे में बात करे, वे बहुत अकेले होते हैं। मेरी पत्नी मुझे धमकाती है।"
यह संदेश समाज में पुरुषों की मानसिक पीड़ा और वैवाहिक जीवन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की आवश्यकता को दर्शाता है।
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वैवाहिक विवाद और आत्महत्या की पृष्ठभूमि
मानव शर्मा के पिता नरेंद्र शर्मा, जो कि वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं, ने बताया कि उनका बेटा 30 जनवरी 2024 को शादी के बंधन में बंधा था। शादी के बाद वह अपनी पत्नी के साथ मुंबई में रहने लगे।
शादी के कुछ समय बाद तक सबकुछ सामान्य था, लेकिन फिर पत्नी ने झगड़े शुरू कर दिए और ससुराल वालों को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगी। परिवार का दावा है कि मानव की पत्नी अपने प्रेमी के साथ रहने की इच्छा भी जाहिर करने लगी थी।
23 फरवरी को मानव अपनी पत्नी को उसके मायके छोड़ने गए, जहाँ ससुराल वालों ने उन्हें धमकाया। अगले दिन सुबह 5 बजे उन्होंने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
परिवार के अनुसार, जब 26 फरवरी को पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गए, तो महाशिवरात्रि ड्यूटी का हवाला देते हुए पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनके पिता ने CM पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई।
पत्नी का पलटवार: "मानव मानसिक रूप से परेशान थे"
इस मामले में मानव शर्मा की पत्नी निकिता शर्मा ने भी एक वीडियो जारी कर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया।
उन्होंने कहा,
"मेरे पति शादी से पहले मेरे अतीत को लेकर परेशान थे, लेकिन शादी के बाद मेरा किसी से कोई संबंध नहीं था।"
निकिता ने आरोप लगाया कि मानव शराब पीने लगे थे, मारपीट करते थे और कई बार आत्महत्या की कोशिश कर चुके थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि मानव के परिवार ने कभी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया।
निकिता का कहना है कि 24 फरवरी को आत्महत्या से पहले ही उन्होंने मानव की बहन को इस बारे में बताया था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
वैवाहिक विवाद और आत्महत्या पर कानूनी दृष्टिकोण
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि
"सामान्य वैवाहिक झगड़े आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध की श्रेणी में नहीं आते।"
कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया:
"यदि किसी व्यक्ति ने गुस्से या भावनाओं में कुछ कह दिया हो, लेकिन उसका उद्देश्य आत्महत्या के लिए उकसाने का न हो, तो इसे उकसाने का अपराध नहीं माना जा सकता।"
यह फैसला इस बात पर जोर देता है कि हर वैवाहिक विवाद में एक पक्ष को दोषी ठहराना न्यायोचित नहीं है।
मानव शर्मा की आत्महत्या ने इस बात को उजागर किया है कि पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
समाज को पुरुषों की मानसिक पीड़ा, वैवाहिक तनाव और कानूनी चुनौतियों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इस घटना ने एक बार फिर मेंटल हेल्थ सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने और पुरुषों के भावनात्मक मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने की जरूरत को सामने रखा है।