सोमवार सुबह बॉम्बे हाई कोर्ट का कोर्टरूम असामान्य रूप से भरा हुआ दिखाई दिया, और वजह भी साफ थी। चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंकद की बेंच ने फ्लिपकार्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देश देने वाले विवादास्पद मजिस्ट्रेट के आदेश पर रोक लगाने का फैसला किया।
यह रोक तब आई जब अदालत ने 30 सितंबर को जारी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) के निर्देश को चुनौती देने वाली फ्लिपकार्ट की याचिका पर सुनवाई शुरू की।
पृष्ठभूमि
यह मामला तब सामने आया जब शेयमारू एंटरटेनमेंट ने आरोप लगाया कि फ्लिपकार्ट ने उसके कॉपीराइट वाले कंटेंट से क्लिप्स लेकर सोशल मीडिया पर अपने प्लेटफॉर्म को प्रमोट करने के लिए इस्तेमाल किया। शिकायत के अनुसार, यह बिना लाइसेंस के व्यावसायिक उपयोग था।
मजिस्ट्रेट ने यह नहीं बताया कि कौन-से कार्यों का उपयोग हुआ, लेकिन यह माना कि शिकायत में कॉपीराइट एक्ट और भरतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के नए प्रावधानों के तहत अपराध का खुलासा होता है।
हालाँकि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि यह उपयोग "फेयर डीलिंग" के दायरे में आता है। मजिस्ट्रेट ने पुलिस का तर्क खारिज किया और MIDC पुलिस को जांच आगे बढ़ाने का निर्देश दिया।
अदालत की टिप्पणियाँ
कोर्टरूम में, फ्लिपकार्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवी कदम ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ओम प्रकाश अंबादकर बनाम महाराष्ट्र राज्य का हवाला दिया और कहा कि मजिस्ट्रेट ने प्रारंभिक चरण की सीमाओं से अधिक दखल दिया है।
बेंच ने अभी तक मामले के मेरिट्स पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन नोटिस जारी कर दिया और साफ कर दिया कि यह मामला विस्तृत सुनवाई योग्य है।
बेंच ने कहा, "हम आगे की कार्रवाई जारी रखने से पहले सभी पक्षों को सुनेंगे," - सुनवाई के बाद एक वकील ने धीरे से कहा।
न्यायाधीशों ने यह भी नोट किया कि राज्य और शेयमारू दोनों पक्षों के वकीलों ने नोटिस स्वीकार कर लिया और अगली तारीख पर बहस के लिए तैयारी जताई।
निर्णय
संक्षिप्त लेकिन ठोस चर्चा के बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि मजिस्ट्रेट के 30 सितंबर वाले आदेश के आधार पर कोई भी आगे की कार्रवाई तब तक न की जाए जब तक विस्तृत सुनवाई न हो। बेंच ने कहा:
"तब तक, 30 सितंबर के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई पर रोक रहेगी,” जिससे मजिस्ट्रेट के निर्देशों पर फिलहाल ब्रेक लग गया।
अब यह मामला 24 नवंबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
Case Title: Flipkart Internet Private Limited & Ors. vs. State of Maharashtra & Shemaroo Entertainment Pvt. Ltd.
Case Number: Criminal Writ Petition No. 5649 of 2025