गुजरात हाईकोर्ट ने वर्चुअल और हाइब्रिड सुनवाई के लिए नया SOP जारी किया

By Shivam Y. • August 8, 2025

गुजरात हाईकोर्ट ने वर्चुअल और हाइब्रिड सुनवाई के लिए संशोधित SOP जारी किया, जिसमें वेटिंग रूम नियम, ड्रेस कोड और VC के दौरान आचरण को लेकर दिशा-निर्देश शामिल हैं। सभी प्रतिभागियों के लिए सख्त अनुपालन अनिवार्य।

गुजरात हाईकोर्ट ने वर्चुअल और हाइब्रिड सुनवाई आयोजित करने के लिए एक संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है। यह नई प्रक्रिया 7 अगस्त 2025 को जारी की गई है, जो कोर्ट द्वारा 30 जून 2025 को दिए गए मौखिक आदेश (क्रिमिनल मिसलेनियस एप्लिकेशन (कंटेम्प्ट) नं. 12821/2025 (सुओ मोटो)) के आधार पर लागू की गई है। इसका उद्देश्य डिजिटल सुनवाई प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाना है।

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"वर्चुअल और हाइब्रिड सुनवाई को पूर्ण न्यायिक कार्यवाही माना जाएगा, और उसमें वही शिष्टाचार और अनुशासन बनाए रखना होगा जो भौतिक न्यायालय में अपेक्षित होता है।"

यह नया परिपत्र पूर्व में जारी सभी SOP को निरस्त करता है, जिसमें 20 फरवरी 2024 का परिपत्र (Circular No. ITC/234/2024) भी शामिल है।

संशोधित SOP की मुख्य बातें:

1. VC जॉइनिंग और वेटिंग रूम के नियम

VC जॉइनिंग लिंक प्रतिदिन की कॉजलिस्ट, हाईकोर्ट वेबसाइट, टेलीग्राम चैनल और ईमेल में उपलब्ध होंगे।
प्रतिभागी पहले वेटिंग रूम में प्रवेश करेंगे, और कोर्ट मास्टर उनका डिस्प्ले नाम (सीरियल नंबर और नाम के साथ) सत्यापित करने के बाद ही उन्हें प्रवेश देंगे।

"यदि प्रतिभागी का डिस्प्ले नाम ठीक नहीं है, तो उसे सुनवाई में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।"

2. उचित वेशभूषा अनिवार्य

वकीलों को न्यायालयीन पेशेवर परिधान में होना अनिवार्य है। अनुपालन न होने पर कोर्ट उन्हें सुनवाई से बाहर कर सकती है। पक्षकारों को भी उपयुक्त वेशभूषा में होना होगा।

3. कोर्ट की मर्यादा बनाए रखें

प्रतिभागियों को शांत और उपयुक्त स्थान से लॉग इन करना चाहिए (जैसे कार आदि से नहीं)। कैमरा चालू रहना चाहिए और प्रतिभागी पूरी तरह से सक्रिय और अनुशासित रहें।

4. माइक्रोफोन और आचरण संबंधी नियम

सभी प्रतिभागियों को माइक्रोफोन म्यूट रखना चाहिए, जब तक उनका केस कॉल न हो। कोई गड़बड़ी होने पर कोर्ट उन्हें म्यूट या हटा सकती है।

5. रिकॉर्डिंग निषिद्ध

गुजरात हाईकोर्ट (लाइव स्ट्रीमिंग) नियम, 2021 के अनुसार कोर्ट कार्यवाही की रिकॉर्डिंग सख्ती से मना है।

6. इन-कैमरा सुनवाई

संवेदनशील मामलों में सुनवाई केवल संबंधित पक्षों और वकीलों तक ही सीमित रखी जा सकती है।

7. दुर्व्यवहार पर निष्कासन

यदि कोई प्रतिभागी अशोभनीय व्यवहार करता है या न्यायालय की मर्यादा का उल्लंघन करता है, तो उसे VC से तत्काल निकाल दिया जाएगा और आगे की कार्रवाई हो सकती है।

"इन निर्देशों का उल्लंघन अदालत की अवमानना की कार्यवाही को आमंत्रित कर सकता है।"

8. कोर्ट मास्टर की भूमिका

कोर्ट मास्टर प्रतिभागियों को VC में प्रवेश देने, म्यूट करने और अनुशासन बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होंगे।

9. वकीलों को अपने मुवक्किलों को सूचित करना होगा

वकीलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके मुवक्किल इन सभी निर्देशों का पालन करें।

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