इंदौर, 10 अक्टूबर - वरिष्ठ अधिवक्ताओं की कठिनाइयों को उजागर करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य बार काउंसिल को निर्देश दिया कि वे अपने करियर के अंतिम दौर में पहुंच चुके वकीलों के लिए एक कल्याणकारी योजना बनाने पर विचार करें।
यह जनहित याचिका अधिवक्ता राजेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा दायर की गई थी, जिसमें बार काउंसिल से आग्रह किया गया था कि 35 से 40 वर्ष तक प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को पेंशन और पारिवारिक पेंशन की सुविधा दी जाए। श्रीवास्तव ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कहा,
“वकील न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने पर उन्हें किसी संस्थागत सहायता के बिना आर्थिक असुरक्षा का सामना करना पड़ता है।”
याचिकाकर्ता ने बिहार राज्य बार काउंसिल अधिवक्ता कल्याण योजना, 2012 का उदाहरण देते हुए उसकी प्रति मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय साराफ की पीठ के समक्ष प्रस्तुत की। पीठ ने टिप्पणी की, "यह प्रस्ताव विधि समुदाय के हित में विचार योग्य है।"
अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और मध्यप्रदेश बार काउंसिल को निर्देश दिया कि वे इसी प्रकार की योजना लागू करने की संभावना पर विचार करें।
मामला अब जबलपुर मुख्य पीठ को स्थानांतरित किया गया है और अगली सुनवाई 12 नवम्बर 2025 को होगी।
Case Title: Rajendra Shrivastava vs Chief Secretary, M.P. Govt., Vidhyanchal and Others
Case Number: Writ Petition (PIL) No. 26638 of 2025