सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक को सुनवाई का अधिकार लौटाया, नोटिस दिए बिना पारित इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया

By Vivek G. • November 4, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक को सुने बिना दिए गए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को रद्द किया। मामला बहाल, हाईकोर्ट को सभी पक्षों को सुनने का निर्देश।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक आदेश रद्द कर दिया, यह पाते हुए कि निचली अदालत ने एक भूमि विवाद से जुड़े रिट याचिका पर फैसला उस पक्ष को बिना सूचित किए दे दिया था जो इससे प्रभावित था - वरिष्ठ नागरिक दिनेश कुमारी (जिन्हें दिनेश रानी के नाम से भी जाना जाता है)। पीठ ने कहा कि किसी व्यक्ति की अनुपस्थिति में इस तरह फैसला देना न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

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पृष्ठभूमि

यह मामला एम/एस सनसिटी हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. से जुड़े विवाद का है, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की गई थी। 19 सितंबर 2024 को हाईकोर्ट ने इस पर आदेश पारित कर दिया, लेकिन ऐसा बिना नोटिस जारी किए किया गया और याचिका से सीधे प्रभावित पक्ष दिनेश कुमारी को कोई सुनवाई का अवसर नहीं मिला।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से पेश वकील ने भी स्वीकार किया कि हाईकोर्ट का आदेश दिनेश कुमारी को सुने बिना ही पारित हुआ था। अदालत में यह बात उठते ही न्यायाधीशों ने चिंता जताई, क्योंकि किसी को सुने बिना उसके खिलाफ आदेश देना न्याय के बुनियादी अधिकारों के खिलाफ है।

न्यायालय के अवलोकन

जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने स्पष्ट असंतोष जताया कि हाईकोर्ट ने किस प्रकार कार्यवाही की।

पीठ ने कहा, “अपीलकर्ता को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया,” और जोड़ा कि किसी व्यक्ति के अधिकारों को प्रभावित करने वाला कोई भी न्यायिक आदेश तब तक टिकाऊ नहीं हो सकता जब तक उसे सुनवाई का उचित अवसर न मिले।

न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि निष्पक्षता कोई तकनीकी औपचारिकता नहीं है, बल्कि न्याय की आत्मा है। किसी व्यक्ति की अनुपस्थिति में आदेश पारित करना - खासकर तब जब वह वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति के अधिकारों की रक्षा कर रही हो - “कानून में स्वीकार्य नहीं” है, ऐसा न्यायालय के रुख से साफ झलक रहा था।

निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने अपील को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट का 19 सितंबर 2024 का आदेश निरस्त कर दिया। न्यायालय ने मामले को हाईकोर्ट के अभिलेख पर पुनः बहाल करने का निर्देश दिया और कहा कि अब अदालत सभी पक्षों को उचित अवसर दे कर सुनवाई करे।

आदेश में कहा गया कि हाईकोर्ट को सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करना होगा और मामले का निपटारा विधि के अनुसार तथा गुण-दोष के आधार पर करना होगा।

अब यह मामला पुनः इलाहाबाद हाईकोर्ट में वापस जाएगा, जहाँ सुनवाई दोबारा शुरू होगी - मगर इस बार, सभी पक्ष मौजूद रहेंगे।

Case: Dinesh Kumari @ Dinesh Rani (Senior Citizen) vs. M/s Suncity Hi-Tech Infrastructure Pvt. Ltd. & Others

Court: Supreme Court of India

Bench: Justice Sanjay Kumar and Justice Alok Aradhe

Case Type: Civil Appeal (arising out of Special Leave Petition)

Originating Case: Writ C No. 28193/2024 before the Allahabad High Court

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