बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में अदालत की कार्यवाही को मोबाइल फोन से रिकॉर्ड करने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए एक व्यक्ति पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया है। यह घटना 27 फरवरी 2025 को हुई जब अदालत के कर्मचारियों ने एक व्यक्ति को सुनवाई के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए देखा।
न्यायमूर्ति ए.एस. गडकरी और कमल खाटा की खंडपीठ ने पाया कि आरोपी साजिद अब्दुल जब्बार पटेल, जो कि मामले के एक पक्षकार का रिश्तेदार था, ने कोर्ट की अनुमति के बिना कार्यवाही को रिकॉर्ड किया। जब अदालत के कर्मचारियों ने उसे रोका, तो उसने अपनी गलती स्वीकार की और उसका मोबाइल जब्त कर लिया गया।
"अदालत के कर्मचारियों ने संबंधित व्यक्ति को रोका और पूछा, तो उसने बताया कि वह उत्तरदाता संख्या 3 और 4 का रिश्तेदार है। लेकिन, उसने कार्यवाही रिकॉर्ड करने के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी।"
कोर्ट की कार्रवाई
इस मामले में आरोपी के वकील हितेन वेनेगवकर ने स्वीकार किया कि यह कृत्य अस्वीकार्य है, लेकिन उन्होंने पहली गलती मानते हुए अदालत से रियायत देने की अपील की। इसके बाद, पटेल ने ₹1 लाख का जुर्माना देने की स्वेच्छा से पेशकश की।
Read Also:- दोषी राजनेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के खिलाफ केंद्र सरकार, इसे संसदीय क्षेत्राधिकार में बताया
अदालत ने तीन दिनों के भीतर यह राशि "हाईकोर्ट एम्प्लॉइज मेडिकल वेलफेयर फंड" में जमा करने का निर्देश दिया।
"श्री साजिद अब्दुल जब्बार पटेल अपनी गलती के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट के मेडिकल वेलफेयर फंड में ₹1 लाख जमा करेंगे।"
इस मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च 2025 को होगी,
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 13 फरवरी 2017 को एक आधिकारिक नोटिस जारी कर बिना अनुमति के रिकॉर्डिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस नियम का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
इसी नियम के तहत, पटेल का मोबाइल फोन जब्त कर उसे सुरक्षित रूप से हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कर दिया गया।
The petition is filed by Advocates Mitha Sudhindran, Riji Rajendtan, Ayana Unnikrishnan, Anjana K., Soorya M.
Case Title: Anas Ahmed v State of Kerala and Others
Case No: WP(C) 7918 of 2025