मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने NEET-PG 2024 काउंसलिंग से जुड़ी एक महत्वपूर्ण सुनवाई में राज्य सरकार के उस बयान को दर्ज किया है जिसमें कहा गया कि निजी मेडिकल कॉलेजों में खाली पड़ी NRI सीटों को अंतिम दौर की काउंसलिंग में जनरल केटेगरी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह कदम सीटों की बर्बादी को रोकने और मेरिट-बेस्ड आवंटन सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ डॉ. ख्याति शेखर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 48 खाली NRI सीटों को जनरल कोटा में शामिल करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि ये सीटें पहले राउंड और दूसरे राउंड के दौरान नहीं भरी गईं और डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (DME) नए NRI उम्मीदवारों का इंतजार कर रहा है, जबकि यह पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि फर्जी NRI उम्मीदवारों द्वारा ये सीटें ब्लॉक की गई थीं।
Read Also:- सुप्रीम कोर्ट ने पीजी मेडिकल प्रवेश में डोमिसाइल-आधारित आरक्षण को असंवैधानिक घोषित किया
याचिकाकर्ता के तर्क
याचिकाकर्ता डॉ. ख्याति शेखर ने NEET-PG 2024 परीक्षा में 936वां राज्य रैंक और 87.25% राज्य प्रतिशत एवं 87.27% NEET प्रतिशत प्राप्त किया था। इस स्कोर के आधार पर उन्हें मध्य प्रदेश के किसी भी निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिल सकता था। लेकिन 48 NRI सीटें फर्जी उम्मीदवारों द्वारा ब्लॉक की जाने के कारण उन्हें कोई सीट नहीं मिली।
याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष यह तर्क रखा:
NRI सीटों को जानबूझकर खाली रखा जा रहा है और योग्य उम्मीदवारों को इनका लाभ नहीं मिल रहा।
Read Also:- मध्य प्रदेश सरकार की देरी से याचिकाएँ दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों के अनुसार, खाली NRI सीटों को जनरल कोटा में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन (DME) इस नियम को लागू नहीं कर रहा, जिससे सीटों का अनुचित आवंटन हो रहा है।
याचिका में Index Medical College, Hospital & Research Centre v. State of Madhya Pradesh (2021) और Dr. Yogyata Marothi (W.P. No. 28721 of 2023) जैसे पूर्व मामलों का हवाला दिया गया, जिनमें कोर्ट ने निर्देश दिया था कि खाली NRI सीटों को मेरिट के आधार पर आवंटित किया जाए।
"यदि NRI कोटा की सीटें खाली रह जाती हैं, तो उन्हें अंतिम दौर (मॉप-अप राउंड) में जनरल कोटा में शामिल किया जाएगा और मेरिट-कम-चॉइस के आधार पर भरा जाएगा।"
कोर्ट ने इस बयान को दर्ज किया और राज्य सरकार ने आश्वासन दिया कि बची हुई सभी NRI सीटों को अंतिम दौर में जनरल कोटा में शामिल किया जाएगा और उनका आवंटन मेरिट के आधार पर होगा।
Read Also:- मध्य प्रदेश सरकार की देरी से याचिकाएँ दाखिल करने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
राज्य सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद, याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका को वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। इसके साथ ही,
याचिका को वापस लेने की अनुमति दी गई और इसे खारिज कर दिया गया।
राज्य सरकार अपने बयान के अनुसार सीट आवंटन करने के लिए बाध्य होगी।