विपांचिका मणियन की दुखद मृत्यु के बाद उनकी मामी (मातृ पक्ष की चाची) ने केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की प्राधिकृत संस्थाओं से राजनयिक स्तर पर संपर्क करे और जांच को निष्पक्ष, पारदर्शी तथा विस्तृत बनाए।
"हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार यूएई अधिकारियों से संपर्क करे ताकि सच्चाई सामने आ सके और शव भारत वापस लाया जा सके," याचिका में कहा गया।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि मृतका को उसके पति और ससुराल वालों द्वारा लगातार मानसिक उत्पीड़न, भावनात्मक हिंसा और धमकियों का सामना करना पड़ा।
मृतका ने अपनी मां को कई बार फोन कर बताया था कि उसका सोना छीन लिया गया है और उसे असहनीय अत्याचारों का सामना करना पड़ रहा है।
"उसने अपने शरीर पर लगे चोटों की तस्वीरें और पत्र भेजे थे, जो अब याचिका के साथ साक्ष्य के रूप में संलग्न किए गए हैं," याचिका में बताया गया है।
घटना के बाद मृतका के परिवार ने कुंडरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उसके पति, ससुर और ननद को आरोपी बनाया गया।
"अब तक हमें न तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली है, न मेडिकल रिपोर्ट और न ही किसी प्रकार की जांच संबंधी जानकारी यूएई से प्राप्त हुई है," याचिकाकर्ता ने अदालत को सूचित किया।
परिवार को आशंका है कि मौत के पीछे के सबूतों के साथ छेड़छाड़ या उन्हें नष्ट किया जा सकता है। इस वजह से याचिका के माध्यम से यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि जांच निष्पक्ष तरीके से हो, मृतका के शव का विधिवत पोस्टमॉर्टम किया जाए, और मेडिकल व कानूनी प्रक्रियाएं ठीक से अपनाई जाएं।
"हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मृतका के परिवार को हर चरण पर अपडेट मिले और शव जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए," याचिकाकर्ता ने कहा।
केस नंबर: WP(C) नंबर 26141 ऑफ़ 2025
केस का शीर्षक: शीला एस. बनाम भारत संघ और अन्य।
याचिका वकील ए.वी. द्वारा दायर की गई है। इंदिरा, अनंधु सतीश और श्रीदेवी एस.