छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले से सामने आए एक चौंकाने वाले मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है। आरोप है कि एक सरकारी आवासीय विद्यालय में 400 से अधिक छात्रों के लिए बने भोजन में फिनाइल, जो एक जहरीला रसायन है और प्रायः सफाई के लिए उपयोग होता है, मिलाया गया। न्यायालय ने कहा कि यदि समय पर गंध का पता न चलता तो यह घटना बड़े हादसे में बदल सकती थी।
घटना जिसने हड़कंप मचाया
26 अगस्त 2025 को प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के अनुसार, मामला सुकमा के पकेला आवासीय पोटाकेबिन विद्यालय का है। 21 अगस्त की रात छात्रों के लिए बनी सब्जी में फिनाइल की गंध पाई गई। एक शिक्षक ने भोजन चखने के दौरान इसकी पहचान की, जिससे संभावित दुर्घटना टल गई। विद्यालय अधीक्षक ने बताया कि रात के भोजन के लिए लगभग 48 किलो से अधिक बीन्स पकाई गई थी।
छात्रों ने जांच टीम को बताया कि उन्होंने एक व्यक्ति को चेहरे पर गमछा बांधकर भोजन में कुछ मिलाते देखा। चौंकाने वाली बात यह है कि शक विद्यालय में पदस्थ एक शिक्षक पर भी जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। गहरी चिंता व्यक्त करते हुए टिप्पणी की,
"यदि छात्रों ने दूषित भोजन खाया होता, तो यह कल्पना से परे है कि इससे उनके माता-पिता और परिवारों पर कितना बुरा असर पड़ता, जो आवासीय विद्यालय प्रणाली में विश्वास रखते हैं।"
हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे एक हलफ़नामा दाखिल करें और बताएं कि स्कूलों, छात्रावासों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में परोसे जाने वाले भोजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। अदालत ने यह भी कहा कि इस प्रकार की लापरवाही केवल असावधानी नहीं बल्कि गंभीर आपराधिक कृत्य है।
न्यायालय ने भोजन सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए। इनमें भोजन परोसने से पहले अनिवार्य चखना और प्रमाणन, टेस्टिंग रजिस्टर का रख-रखाव, रसायनों को रसोई से अलग सुरक्षित स्थान पर रखना, नियमित निरीक्षण, रसोई और भोजनालय में सीसीटीवी कैमरे, प्राथमिक उपचार और स्वास्थ्य केन्द्रों से आपातकालीन व्यवस्था शामिल हैं।
साथ ही अदालत ने आकस्मिक निरीक्षण, अभिभावक-शिक्षक निगरानी समिति, और जानबूझकर मिलावट की स्थिति में तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए।
न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि,
"यदि कहीं भी चूक होती है तो उसे बेहद गंभीरता से लिया जाएगा और अधिकारियों को भोजन तैयार करने व परोसने में अधिक सतर्क रहना होगा।"
मामले का शीर्षक: Suo Moto Public Interest Litigation v. The Chief Secretary & Others
मामला संख्या: WPPIL संख्या 75/2023