रतन टाटा: एक सम्मानित नाम जिसे अवैध उपयोग से बचाने की आवश्यकता - दिल्ली उच्च न्यायालय

By Shivam Y. • February 10, 2025

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि उद्योगपति रतन टाटा का नाम एक प्रतिष्ठित व्यक्तिगत नाम और ट्रेडमार्क है, जिसे किसी भी अनधिकृत उपयोग से बचाने की जरूरत है। जानिए पूरी खबर।

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का नाम न केवल एक व्यक्तिगत नाम है, बल्कि एक प्रतिष्ठित ट्रेडमार्क भी है, जिसका बिना अनुमति के उपयोग करना गैरकानूनी है।

न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा ने रतन टाटा ट्रस्ट द्वारा दायर मुकदमे में उनके पक्ष में निर्णय सुनाया। यह मामला पत्रकार डॉ. राजत श्रीवास्तव के खिलाफ था, जिन्होंने "द रतन टाटा नेशनल आइकॉन अवार्ड 2024" नामक एक पुरस्कार समारोह आयोजित करने के लिए रतन टाटा के नाम और तस्वीर का उपयोग किया था।

"TATA को पहले से ही एक प्रतिष्ठित ट्रेडमार्क के रूप में मान्यता दी गई है। इसके अलावा, स्वर्गीय रतन टाटा एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं, और उनके नाम का बिना अनुमति के उपयोग नहीं किया जा सकता।" – दिल्ली हाईकोर्ट

मामले की पृष्ठभूमि

रतन टाटा ट्रस्ट और टाटा ग्रुप ने दावा किया कि डॉ. श्रीवास्तव ने एक नॉमिनेशन फीस लेकर इस इवेंट का आयोजन किया और लोगों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि यह टाटा समूह द्वारा समर्थित है।

मुकदमे में कहा गया कि यह स्पष्ट धोखाधड़ी का मामला है, जहां टाटा ब्रांड के प्रतिष्ठित नाम का दुरुपयोग कर जनता को गुमराह किया गया।

रतन टाटा का नाम एक प्रतिष्ठित ब्रांड: अदालत ने माना कि "रतन टाटा" नाम अपने आप में एक विशिष्ट पहचान रखता है, जो किसी भी अनधिकृत उपयोग से सुरक्षित रहना चाहिए।

गलत मंशा से किया गया इस्तेमाल: कोर्ट ने पाया कि आरोपी ने "बदनीयती" से टाटा ब्रांड के नाम और प्रतिष्ठा का फायदा उठाने की कोशिश की।

नाम और ट्रेडमार्क का गलत इस्तेमाल अवैध: न्यायालय ने स्पष्ट किया कि टाटा ग्रुप और टाटा ट्रस्ट के नाम, ट्रेडमार्क और लोगो का उपयोग बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता।

"यह मामला केवल ट्रेडमार्क उल्लंघन का नहीं, बल्कि जनता को गुमराह करने और धोखाधड़ी का भी है।" – दिल्ली हाईकोर्ट

कोर्ट ने डॉ. राजत श्रीवास्तव को निर्देश दिया कि वह:

"TATA" और "TATA TRUST" नामों और लोगो का उपयोग न करें।

रतन टाटा के नाम और तस्वीर का किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए उपयोग न करें।

अदालत में हलफनामा दायर कर यह पुष्टि करें कि वह भविष्य में ऐसे किसी भी कार्य में शामिल नहीं होंगे।

यह फैसला भारत में प्रतिष्ठित व्यापारिक नामों और व्यक्तित्वों की कानूनी सुरक्षा को मजबूत करता है। यह स्पष्ट करता है कि किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम या ब्रांड का अनधिकृत उपयोग गैरकानूनी है और इससे कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

यह निर्णय कॉर्पोरेट नैतिकता और बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल स्थापित करता है।

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