सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई—इनमें से 25 पर्यटक थे और एक स्थानीय निवासी। कोर्ट ने इस हमले को “कायरतापूर्ण” और “अमानवीय” करार दिया जो पूरे देश को झकझोर गया।
“इस अमानवीय और पागलपन भरे हिंसा के कृत्य ने सभी की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह आतंकवाद द्वारा फैलाए जाने वाले क्रूरता और अमानवीयता की कड़ी याद दिलाता है।”
यह बात सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित पूर्ण पीठ प्रस्ताव में कही गई।
इस प्रस्ताव में कोर्ट ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति सहानुभूति जताई।
“भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्दोष लोगों की निर्दयता से और समय से पहले छीनी गई ज़िंदगियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की है। ईश्वर उनकी आत्माओं को शांति दे और जो घायल हुए हैं वे शीघ्र स्वस्थ हों। यह राष्ट्र इस अभिव्यक्त पीड़ा की घड़ी में पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़ा है।”
कोर्ट ने कहा कि कश्मीर, जिसे भारत का “क्राउन ज्वेल” कहा जाता है, वहां सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले रहे पर्यटकों पर हुआ यह हमला मानवता और जीवन की पवित्रता पर सीधा हमला है। कोर्ट ने इसकी कड़ी निंदा की।
“कश्मीर यानी भारत के क्राउन ज्वेल की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले रहे पर्यटकों पर हुआ यह हमला निस्संदेह मानवता के मूल्यों और जीवन की पवित्रता पर आघात है और इस न्यायालय ने इसकी घोर निंदा की है।”
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों, वकीलों और रजिस्ट्री स्टाफ ने दोपहर 2 बजे पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा।
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) ने भी हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। उन्होंने पीड़ितों और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।
“हमारी सच्ची प्रार्थना है कि शांति, एकता और सौहार्द बना रहे ताकि हमारा राष्ट्र मजबूती और भाईचारे के साथ आगे बढ़ता रहे।” — SCAORA
