सुप्रीम कोर्ट ने अरशद नियाज़ खान के खिलाफ झारखंड एफआईआर रद्द की, कहा ज़मीन विवाद सिविल मामला है, आपराधिक नहीं

By Vivek G. • September 26, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने अरशद नियाज़ खान के खिलाफ रांची एफआईआर रद्द की, आठ साल पुराने ज़मीन विवाद को आपराधिक नहीं बल्कि सिविल मामला बताया।

नई दिल्ली, 24 सितंबर – सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रांची निवासी अरशद नियाज़ खान के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामला रद्द कर दिया, यह कहते हुए कि एक दशक पुराना संपत्ति बिक्री विवाद आपराधिक अदालत में नहीं लाया जा सकता। जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और आर. महादेवन की पीठ ने हिंदपीरी थाना में दर्ज एफआईआर और संबंधित शिकायत को खारिज करते हुए कहा, “आपराधिक कानून को निजी रंजिशें निपटाने के लिए हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए।”

Read in English

पृष्ठभूमि

यह मामला 2013 के एक समझौते से शुरू हुआ, जिसमें खान ने रांची में दो सटे हुए प्लॉट 43 लाख रुपये में बेचने पर सहमति जताई थी। खरीदार मोहम्मद मुस्तफा ने 20 लाख रुपये अग्रिम दिए, लेकिन आरोप लगाया कि संपत्ति का हस्तांतरण कभी नहीं हुआ। लगभग आठ साल बाद, 2021 में मुस्तफा ने आईपीसी की धारा 406, 420 और 120बी के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और साजिश का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई।

हालांकि शुरुआती मध्यस्थता में खान ने 24 लाख रुपये किस्तों में लौटाने पर सहमति दी थी और पहली किस्त का भुगतान भी किया, लेकिन समझौता टूट गया। बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी, जिसके खिलाफ खान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।

अदालत की टिप्पणियां

पीठ ने धोखाधड़ी और विश्वासघात के आरोपों की गहन समीक्षा की। “सिर्फ वादा पूरा न करने से यह साबित नहीं होता कि शुरुआत से ही धोखाधड़ी की नीयत थी,” जजों ने इंदर मोहन गोस्वामी बनाम उत्तरांचल राज्य के फैसले का हवाला देते हुए कहा। अदालत ने शिकायत दर्ज करने में आठ साल की देरी और इस बात के सबूतों की कमी पर ज़ोर दिया कि समझौते के समय खान की नीयत बेईमान थी।

जस्टिस नागरत्ना ने टिप्पणी की, “आरोप अस्पष्ट हैं और भरोसा नहीं दिलाते। आपराधिक मुकदमेबाज़ी का इस्तेमाल परेशान करने या निजी बदले के लिए नहीं होना चाहिए।” अदालत ने यह भी कहा कि नुकसान की भरपाई के लिए दीवानी मुकदमा ही सही रास्ता था, आपराधिक मामला नहीं।

निर्णय

झारखंड हाईकोर्ट का आदेश रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शिकायत मामला संख्या 619/2021 और एफआईआर संख्या 18/2021 को खारिज कर दिया। पीठ ने निष्कर्ष दिया, “वर्तमान अभियोजन को जारी रखना न तो उचित है और न ही न्याय के हित में।” इसके साथ ही अरशद नियाज़ खान के खिलाफ सभी कार्यवाही समाप्त हो गई।

मामला: अरशद नेयाज़ खान बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य – सर्वोच्च न्यायालय ने संपत्ति विवाद में दर्ज प्राथमिकी रद्द की

निर्णय तिथि: 24 सितंबर 2025

Recommended