भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई ने हाल ही में महाराष्ट्र दौरे के दौरान हुए प्रोटोकॉल उल्लंघन के मामले को लेकर कहा कि इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं पेश किया जाना चाहिए, क्योंकि सभी संबंधित पक्ष पहले ही खेद व्यक्त कर चुके हैं।
“एक तुच्छ मुद्दे को जरूरत से ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। सीजेआई ने सभी से अनुरोध किया है कि इस मामले को समाप्त कर दिया जाए।”
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यह बयान एक आधिकारिक प्रेस नोट के माध्यम से जारी किया गया, जो मीडिया में महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रोटोकॉल से जुड़ी खबरों के जवाब में था। सीजेआई की यह टिप्पणी उस समय सामने आई जब यह खबरें आईं कि महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP), और मुंबई पुलिस आयुक्त उनके पहले आधिकारिक राज्य दौरे के समय अनुपस्थित थे।
“माननीय भारत के मुख्य न्यायाधीश की महाराष्ट्र यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल से संबंधित समाचार मीडिया में प्रकाशित हो रहे हैं। सभी संबंधित पक्ष पहले ही खेद प्रकट कर चुके हैं।”
न्यायमूर्ति गवई ने महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए इन वरिष्ठ अधिकारियों की अनुपस्थिति का जिक्र किया। हालांकि, उन्होंने संयमित रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि यह इतना गंभीर मुद्दा नहीं है कि इसे और बढ़ाया जाए।
इस स्थिति में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी सीजेआई का समर्थन किया। उन्होंने कल सीजेआई द्वारा प्रोटोकॉल उल्लंघन पर असंतोष जताने के बाद उनका साथ दिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि संवैधानिक पदों का सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है, खासकर आधिकारिक दौरों के दौरान।
मीडिया में हो रही चर्चाओं के बावजूद, सीजेआई गवई की शांत और संतुलित प्रतिक्रिया इस मामले को शांतिपूर्वक समाप्त करने की दिशा में है।
“इसे तूल न दें,” सीजेआई ने दोहराया और सभी पक्षों से अनुरोध किया कि इस मुद्दे को यहीं समाप्त कर दिया जाए।