गौहाटी हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में असम के दिमा हसाओ ज़िले में सीमेंट फैक्ट्री निर्माण के लिए लगभग 3000 बीघा भूमि के आवंटन पर गंभीर चिंता जताई है। यह मामला दो जुड़ी हुई रिट याचिकाओं में सामने आया—WP(C)/467/2025 (सोनैश होजाई एवं अन्य बनाम असम राज्य एवं अन्य) और WP(C)/337/2025 (महाबल सीमेंट प्रा. लि. बनाम असम राज्य एवं अन्य)।
स्थानीय निवासियों द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि उन्हें उनके वैध कब्जे वाली ज़मीन से बेदखल किया जा रहा है ताकि सीमेंट परियोजना को जगह मिल सके। दूसरी ओर, महाबल सीमेंट प्रा. लि. ने दावा किया कि यह भूमि उन्हें निविदा प्रक्रिया के तहत खनन पट्टे के आधार पर आवंटित की गई है।
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न्यायमूर्ति संजय कुमार मेधी ने माना कि इतना बड़ा भूमि आवंटन असाधारण प्रतीत होता है और उत्तरी कछार हिल्स स्वायत्त परिषद (NCHAC) को निर्देश दिया कि वे उस नीति का अभिलेख प्रस्तुत करें जिसके तहत इतनी विशाल भूमि किसी निजी कंपनी को दी गई।
क्षेत्र की विशेषता पर ज़ोर देते हुए अदालत ने कहा:
“यह जिला भारत के संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आता है, जहाँ प्राथमिकता वहाँ रहने वाले जनजातीय लोगों के अधिकारों और हितों को दी जानी चाहिए।”
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अदालत ने उमरांगसो क्षेत्र की पर्यावरणीय संवेदनशीलता पर भी टिप्पणी की और इसे एक पर्यावरणीय हॉटस्पॉट बताया, जिसमें गर्म पानी के झरने, प्रवासी पक्षियों का ठहराव स्थल और वन्यजीव मौजूद हैं।
मामले की अगली सुनवाई 1 सितंबर 2025 को निर्धारित की गई है।
मामले का शीर्षक: सोनैश होजाई एवं अन्य 21 बनाम असम राज्य एवं अन्य 6
मामला संख्या: WP(C)/467/2025