पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य में बेचे जा रहे मिलावटी दूध और डेयरी उत्पादों की बढ़ती समस्या पर 5 मार्च, 2025 तक विस्तृत जवाब मांगते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। यह आदेश एक जनहित याचिका (PIL) के बाद आया है, जिसमें देसी घी और खोया जैसे उत्पादों में खतरनाक मिलावट के मामले सामने आए हैं।
चौंका देने वाले आंकड़े: कितना प्रदूषित है हमारा दूध?
याचिका में वकील सुनैना ने बताया कि पंजाब में 21% देसी घी और 26% खोया के नमूने सुरक्षा मानकों पर खरे नहीं उतरे। कोर्ट ने अधिकारियों को लापरवाही का दोषी ठहराते हुए कहा, "जनता की जिंदगी से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
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"मिलावटखोरों के साथ सरकारी अधिकारी भी साजिश में शामिल हैं। यह स्थिति राष्ट्रीय शर्म है!"
— पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 70% डेयरी उत्पाद नकली या मिलावटी हैं। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो 2025 तक 87% भारतीय कैंसर, लीवर खराब होने और सांस की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
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जहर बन चुके हैं दूध और घी!
याचिका में खुलासा हुआ कि नकली दूध बनाने में इस्तेमाल हो रहे हैं ये घातक केमिकल्स:
डिटर्जेंट और कास्टिक सोडा (झाग और गाढ़ापन बढ़ाने के लिए)।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड और सफेद पेंट (दूध को सफेद दिखाने के लिए)।
वनस्पति तेल और यूरिया (मात्रा बढ़ाने के लिए)।
ये केमिकल्स न सिर्फ कानूनन अपराध हैं, बल्कि किडनी फेल और दिमागी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
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भारत दुनिया में सबसे ज्यादा दूध पैदा करता है, लेकिन विज्ञान मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 89.2% डेयरी उत्पादों में मिलावट है। कोर्ट ने पूछा, "उत्पादन बढ़ने के बावजूद गुणवत्ता पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा?"
"मिलावट रोकने वाले अधिकारी ही मिलीभगत में हैं। इन्हें सजा मिलनी चाहिए!"
— वकील सुनैना
कोर्ट के निर्देश
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को ये कदम उठाने का आदेश दिया है:
नियमित छापेमारी: डेयरी फैक्ट्रियों और दुकानों की हर महीने जांच हो।
जनता को शिक्षित करो: मिलावटी दूध पहचानने के घरेलू तरीके (जैसे रबर की गंध या गर्म करने पर पीला पड़ना) सिखाएं।
लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई: भ्रष्ट अधिकारियों को निलंबित करने और केस दर्ज करने का निर्देश।
सरकारी कार्रवाई: क्या किया गया अब तक?
पंजाब खाद्य प्राधिकरण (PFA) ने रावलपिंडी में 12,500 लीटर नकली दूध जब्त किया और खानेवाल में 110 लीटर मिलावटी दूध के साथ जाली उत्पाद बेचने वालों पर 1,67,000 रुपये का जुर्माना लगाया। हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि पिछले एक साल में सिर्फ 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जो समस्या की गंभीरता को देखते हुए नाकाफी है।