केरल हाईकोर्ट ने ₹100 करोड़ के करुवन्नूर सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले की जांच कर रही पुलिस को कड़ी चेतावनी दी है। कोर्ट ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह किसी भी राजनीतिक या नौकरशाही दबाव में आए बिना निष्पक्ष और उचित तरीके से जांच करें।
न्यायमूर्ति डी. के. सिंह की पीठ ने यह आदेश उस समय दिया जब बैंक के एक पूर्व कर्मचारी सुरेश एम. वी. द्वारा दायर रिट याचिका (W.P.(C) No. 15762/2021) पर सुनवाई चल रही थी। याचिकाकर्ता ने यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने की मांग की थी, क्योंकि इसमें शामिल कई लोगों के कथित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई(एम) से जुड़े होने का आरोप था। यह मामला वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के अधीन भी है।
“जांच अधिकारी को किसी भी राजनीतिक या नौकरशाही दबाव में आने से चेतावनी दी जाती है। उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे निष्पक्ष तरीके से जांच करें, बिना किसी के प्रभाव में आए। यदि इस न्यायालय को यह लगता है कि जांच सही ढंग से नहीं की गई है और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भूमिका की निष्पक्ष जांच नहीं हुई है, तो अपनी ड्यूटी में चूक के लिए जांच अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।”
— न्यायमूर्ति डी. के. सिंह, केरल हाईकोर्ट
कोर्ट की यह टिप्पणी गंभीर चेतावनी के रूप में सामने आई है और यह स्पष्ट कर दिया गया कि निष्पक्ष जांच न करने पर जांच अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
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त्रिशूर क्राइम ब्रांच के उप पुलिस अधीक्षक ई. बालकृष्णन ने अदालत में पेश होकर बताया:
- अपराध संख्या 302/CB/TSR/D/21 में अंतिम रिपोर्ट संबंधित न्यायालय में प्रस्तुत कर दी गई है।
- शेष 19 संबंधित मामलों में जांच जारी है और तीन महीनों के भीतर सभी रिपोर्टें प्रस्तुत की जाएंगी।
कोर्ट ने उप पुलिस अधीक्षक को यह भी निर्देश दिया कि वे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज Enforcement Case Information Report (ECIR) की प्रति प्राप्त करें और उसमें नामजद सभी आरोपियों की भूमिका की जांच करें।
"जांच अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि वे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा ECIR में नामित सभी आरोपियों की भूमिका की जांच करें।"
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अधिकारी को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उपस्थित अधिवक्ता श्री जयशंकर से ECIR और शपथ पत्र प्राप्त करना होगा।
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याचिकाकर्ता ने सीबीआई जांच की मांग इस आधार पर की कि घोटाले में शामिल कई लोग सत्तारूढ़ गठबंधन (एलडीएफ) की पार्टी सीपीआई(एम) से जुड़े हुए हैं। यह वित्तीय घोटाला त्रिशूर स्थित करुवन्नूर को-ऑपरेटिव बैंक में सामने आया, जिसमें ₹100 करोड़ से अधिक की सार्वजनिक धनराशि की हेराफेरी का मामला है।
यह घोटाला पहले से ही राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में है, जिससे इसकी गंभीरता और जटिलता स्पष्ट होती है।
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 2 जुलाई 2025 तय की है और निर्देश दिया है कि जांच अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहें।
“यह न्यायालय आशा करता है और विश्वास रखता है कि जांच अधिकारी, जो पुलिस बल का हिस्सा हैं, जांच को उचित और निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ाएंगे।”
हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह इस संवेदनशील मामले में जांच की प्रगति और पारदर्शिता पर नजर रखेगी।
मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।
केस का शीर्षक: सुरेश एम.वी. बनाम केरल राज्य और अन्य
केस संख्या: WP(C) 15762 of 2021
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