Logo
Court Book - India Code App - Play Store

सुप्रीम कोर्ट: एनआईए एक्ट के तहत 90 दिनों की देरी के कारण अपील खारिज नहीं की जा सकती

4 Feb 2025 4:00 PM - By Shivam Y.

सुप्रीम कोर्ट: एनआईए एक्ट के तहत 90 दिनों की देरी के कारण अपील खारिज नहीं की जा सकती

4 जनवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने फैसला सुनाया कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) एक्ट, 2008 के तहत आरोपी या पीड़ित द्वारा दायर की गई अपील को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि उसकी 90 दिनों से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता।

इस महत्वपूर्ण फैसले से उन व्यक्तियों को राहत मिलेगी जो एनआईए अधिनियम के तहत आदेशों को चुनौती देना चाहते हैं।

यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार, और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ द्वारा सुनाया गया, जो कि एनआईए अधिनियम, 2008 की धारा 21(5) को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।

Read Also:- सुप्रीम कोर्ट: महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए दहेज उत्पीड़न कानूनों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए

कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा:

"आरोपी या पीड़ित द्वारा दायर की गई अपील को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जाएगा कि देरी 90 दिनों से अधिक हो गई है।"

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले तीन पृष्ठों से अधिक की लिखित प्रस्तुतियाँ दाखिल न करें।

एनआईए अधिनियम, 2008 की धारा 21(5) क्या कहती है?

एनआईए अधिनियम की धारा 21(5) के अनुसार:

  • अपील 30 दिनों के भीतर दाखिल की जानी चाहिए, जो उस निर्णय, सजा, या आदेश की तिथि से शुरू होगी।
  • यदि उचित कारण हो तो उच्च न्यायालय 30 दिनों की अवधि के बाद भी अपील स्वीकार कर सकता है।
  • हालांकि, 90 दिनों की अवधि समाप्त होने के बाद कोई अपील स्वीकार नहीं की जाएगी।

Read Also:- चुनाव रिकॉर्ड्स तक जनता की पहुंच सीमित करने वाले संशोधन को चुनौती: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया

यह धारा अपील दाखिल करने के लिए कठोर समय सीमा निर्धारित करती है, जिससे आरोपी या पीड़ितों के लिए न्याय पाने में कठिनाई हो सकती है यदि वे 90 दिनों की समय सीमा चूक जाते हैं।

यह निर्णय क्यों महत्वपूर्ण है?

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एक संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें "गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) संशोधन (UAPA) अधिनियम, 2019" को भी चुनौती दी गई थी। इस फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि न्याय तक पहुंच केवल प्रक्रिया संबंधी देरी के कारण बाधित न हो।

Read Also:- सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले लंबित होने पर जताई चिंता, तत्काल न्यायाधीशों की नियुक्ति पर दिया जोर

न्याय तक व्यापक पहुंच: अब प्रक्रियागत देरी के कारण अपील खारिज नहीं की जाएगी, जिससे अधिक लोगों को न्याय पाने का अवसर मिलेगा।

न्यायिक विवेक का विस्तार: उच्च न्यायालयों को अब 90 दिनों से अधिक की देरी को भी माफ करने का अधिकार मिलेगा।

यूएपीए मामलों पर असर: यह निर्णय एनआईए अधिनियम के साथ-साथ यूएपीए कानून के तहत दर्ज मामलों पर भी प्रभाव डाल सकता है।

मामले का विवरण : सजल अवस्थी बनाम भारत संघ W.P.(C) No. 1076/20

Similar Posts

2016 से गोवा में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक का वीजा निरस्त, सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार 

2016 से गोवा में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक का वीजा निरस्त, सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार 

5 Jun 2025 3:37 PM
सर्वोच्च न्यायालय ने तिरुचेंदूर मंदिर कुंभाभिषेकम कार्यक्रम के लिए गठित पैनल में हस्तक्षेप करने से किया इनकार 

सर्वोच्च न्यायालय ने तिरुचेंदूर मंदिर कुंभाभिषेकम कार्यक्रम के लिए गठित पैनल में हस्तक्षेप करने से किया इनकार 

5 Jun 2025 2:25 PM
केरल हाईकोर्ट: ‘परा निरक्कल’ के लिए मंदिर सलाहकार समिति भी बिना बोर्ड की मंजूरी और सीलबंद कूपन के भक्तों से धन एकत्र नहीं कर सकती, अनाधिकृत समितियों पर पूर्ण प्रतिबंध

केरल हाईकोर्ट: ‘परा निरक्कल’ के लिए मंदिर सलाहकार समिति भी बिना बोर्ड की मंजूरी और सीलबंद कूपन के भक्तों से धन एकत्र नहीं कर सकती, अनाधिकृत समितियों पर पूर्ण प्रतिबंध

7 Jun 2025 2:21 PM
पर्सनल लोन या ईएमआई पत्नी और बच्चे के भरण-पोषण की जिम्मेदारी को नहीं टाल सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

पर्सनल लोन या ईएमआई पत्नी और बच्चे के भरण-पोषण की जिम्मेदारी को नहीं टाल सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

5 Jun 2025 11:34 AM
सुप्रीम कोर्ट: आरोपी स्वेच्छा से ही कोर्ट की अनुमति से नार्को-एनालिसिस टेस्ट करवा सकता है

सुप्रीम कोर्ट: आरोपी स्वेच्छा से ही कोर्ट की अनुमति से नार्को-एनालिसिस टेस्ट करवा सकता है

10 Jun 2025 1:13 PM
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट: यदि चार्जशीट 2005 में दायर हो गई थी तो लंबित FIR के आधार पर राज्य सेवानिवृत्ति लाभ नहीं रोक सकता

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट: यदि चार्जशीट 2005 में दायर हो गई थी तो लंबित FIR के आधार पर राज्य सेवानिवृत्ति लाभ नहीं रोक सकता

6 Jun 2025 5:03 PM
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा – अपीलीय किराया न्यायाधिकरण अनिश्चितकाल तक फैसला सुरक्षित नहीं रख सकता, किरायेदार की याचिका पर शीघ्र निर्णय का निर्देश

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा – अपीलीय किराया न्यायाधिकरण अनिश्चितकाल तक फैसला सुरक्षित नहीं रख सकता, किरायेदार की याचिका पर शीघ्र निर्णय का निर्देश

12 Jun 2025 3:59 PM
मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की "इच्छा और प्राथमिकताएं" तय करने की व्यवस्था कानून में नहीं, कोर्ट ने निभाई अभिभावक की भूमिका : इलाहाबाद हाईकोर्ट

मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की "इच्छा और प्राथमिकताएं" तय करने की व्यवस्था कानून में नहीं, कोर्ट ने निभाई अभिभावक की भूमिका : इलाहाबाद हाईकोर्ट

8 Jun 2025 7:48 AM
"शादी को परिवारों ने मंजूरी दी थी, राज्य की कोई भूमिका नहीं": सुप्रीम कोर्ट ने अंतरधार्मिक विवाह मामले में जमानत दी

"शादी को परिवारों ने मंजूरी दी थी, राज्य की कोई भूमिका नहीं": सुप्रीम कोर्ट ने अंतरधार्मिक विवाह मामले में जमानत दी

11 Jun 2025 6:32 PM
महिला जज द्वारा चाइल्डकैअर लीव याचिका के बाद ACR प्रविष्टियों पर चिंता जताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट से जवाब मांगा

महिला जज द्वारा चाइल्डकैअर लीव याचिका के बाद ACR प्रविष्टियों पर चिंता जताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट से जवाब मांगा

11 Jun 2025 7:43 PM