Logo
Court Book - India Code App - Play Store

अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को अनिश्चितकाल तक हिरासत में रखने के बजाय निर्वासित क्यों नहीं किया जा रहा? – सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा

3 Feb 2025 10:13 PM - By Shivam Y.

अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को अनिश्चितकाल तक हिरासत में रखने के बजाय निर्वासित क्यों नहीं किया जा रहा? – सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि आखिर क्यों सैकड़ों अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को भारत में अनिश्चितकाल के लिए हिरासत केंद्रों में रखा जा रहा है, जबकि उन्हें उनके देश वापस भेजा जाना चाहिए? न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार से स्पष्टता मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा:

"यदि कोई अवैध बांग्लादेशी प्रवासी विदेशी अधिनियम, 1946 के तहत पकड़ा गया है और उसे सजा दी गई है, तो उसकी सजा पूरी होने के बाद उसे तुरंत अपने देश भेज दिया जाना चाहिए।"

"ऐसे में उन्हें भारत में अनिश्चितकाल तक हिरासत में रखने का क्या औचित्य है?"

अदालत ने यह भी बताया कि भारत में वर्तमान में लगभग 850 अवैध प्रवासी हिरासत केंद्रों में बंद हैं, और केंद्र सरकार से इनकी वास्तविक संख्या की जानकारी मांगी।

Read Also:- धारा 156(3) सीआरपीसी और बीएनएसएस धारा 175(3) की सुप्रीम कोर्ट द्वारा व्याख्या: न्यायिक दृष्टिकोण और जवाबदेही

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला 2013 में 'माजा दरूवाला बनाम भारत संघ' (Transfer Case (Criminal) No. 1/2013) के रूप में सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित किया गया था। दरअसल, 2011 में एक पत्र के माध्यम से कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को यह जानकारी दी गई थी कि पश्चिम बंगाल में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को उनकी सजा पूरी होने के बावजूद हिरासत में रखा जा रहा है।

कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया और बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट को स्थानांतरित कर दिया गया। अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 2009 में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि:

"अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए।"

"यदि कोई बांग्लादेशी प्रवासी अनधिकृत रूप से भारत में पाया जाता है, तो उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद ही उसे देश से निकाला जाएगा।"

Read Also:- बजट 2025: ₹12 लाख तक की आय पर नहीं लगेगा कोई कर – मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि:

"जब कोई प्रवासी पहले ही विदेशी अधिनियम के तहत दोषी साबित हो चुका है, तो उसकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की प्रक्रिया क्यों जारी रहती है?"

अदालत ने यह भी कहा कि यदि 30 दिनों के भीतर निर्वासन की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए, तो इस नियम का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से भी यह स्पष्ट करने को कहा कि:

"इस मामले में आपकी क्या भूमिका है, और आप इस मुद्दे पर क्या कर सकते हैं?"

कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि पश्चिम बंगाल सरकार को इस मामले में क्या करना चाहिए।

Read Also:- गैरकानूनी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: "अपराधी को तुरंत जमानत मिलनी चाहिए"

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को अंतिम अवसर दिया है कि वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें और अदालत के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इस मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी 2025 को होगी।

हम केंद्र और राज्य सरकार दोनों को एक अंतिम अवसर देते हैं कि वे इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।"

"इस मामले को 6 फरवरी 2025 को प्राथमिकता के आधार पर सुना जाएगा।"

Similar Posts

सुप्रीम कोर्ट: संभावित आरोपी सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती नहीं दे सकता

सुप्रीम कोर्ट: संभावित आरोपी सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती नहीं दे सकता

Apr 25, 2025, 3 days ago
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले के खिलाफ दायर पीआईएल खारिज की, न्यायाधीशों के कार्यकाल संरक्षण को बताया आवश्यक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले के खिलाफ दायर पीआईएल खारिज की, न्यायाधीशों के कार्यकाल संरक्षण को बताया आवश्यक

Apr 28, 2025, 5 h ago
सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में सिविल जज पदों के लिए तेलुगु भाषा अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में सिविल जज पदों के लिए तेलुगु भाषा अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

Apr 28, 2025, 4 h ago
सावरकर मानहानि मामले में पुणे कोर्ट ने राहुल गांधी को सावरकर द्वारा लिखी किताबों की प्रतियां लेने की अनुमति दी

सावरकर मानहानि मामले में पुणे कोर्ट ने राहुल गांधी को सावरकर द्वारा लिखी किताबों की प्रतियां लेने की अनुमति दी

Apr 27, 2025, 1 day ago
केरल वक्फ बोर्ड ने वक्फ संशोधन अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, कहा- यह असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ

केरल वक्फ बोर्ड ने वक्फ संशोधन अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, कहा- यह असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ

Apr 24, 2025, 4 days ago