दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 जुलाई 2025 को पारित एक हालिया आदेश में अनीजय त्यागी को आंशिक राहत दी है, जिन्होंने 22 जुलाई 2025 को दी गई अपनी अभ्यावेदन पर कार्रवाई करने के लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) को निर्देश देने की मांग की थी। यह अभ्यावेदन, कोर्ट के पूर्व आदेश 15 मई 2025 (W.P.(C) 6522/2025) का पालन करने हेतु दिया गया था।
मामले की पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता ने पहले MCD द्वारा प्रदान की गई विचलन सूची के आधार पर अपने भवन में किए गए अवैध निर्माण को स्वयं तोड़ने की सहमति दी थी। लेकिन, वे 25 जुलाई 2025 को समाप्त होने वाली 10 सप्ताह की समयसीमा का पालन नहीं कर सके। इसके पीछे उन्होंने चिकित्सकीय कारण बताए हैं। याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्हें पीठ की गंभीर समस्या है और उन्हें पूर्ण बेड रेस्ट की सलाह दी गई है, जिससे वे विध्वंस की कार्रवाई नहीं कर पाए।
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि उनके आर्किटेक्ट ने MCD की सूची का मूल्यांकन किया और पाया कि उसमें उल्लिखित अतिक्रमण वास्तविकता से अधिक बताए गए हैं, और इनमें से कई नियमितीकरण योग्य (compoundable) हैं। दूसरी ओर, MCD ने अदालत को बताया:
“याचिकाकर्ता ने देरी से अदालत का रुख किया है और पहले दिए गए पर्याप्त समय के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया।”
MCD के वकील ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा आर्किटेक्ट की नियुक्ति का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, न्यायमूर्ति मिन्नी पुष्कर्णा ने याचिकाकर्ता की चिकित्सकीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए संतुलित निर्देश जारी किए:
“15 मई 2025 को दिए गए निर्देशों का पालन याचिकाकर्ता को अब अगले छह हफ्तों में करना होगा।”
- याचिकाकर्ता को अनुमति दी गई है कि वह दो सप्ताह में एक आर्किटेक्ट द्वारा तैयार किए गए साइट प्लान के साथ MCD में नियमितीकरण का आवेदन करे।
- MCD उक्त आवेदन पर कानून के अनुसार विचार करेगा।
- इस बीच, याचिकाकर्ता को ऐसे हिस्सों का विध्वंस प्रारंभ करना होगा, जो उनके अनुसार भी अवैध और गैर-नियमितीकरण योग्य हैं।
- यदि MCD को लगता है कि उनके द्वारा दी गई विचलन सूची सही है, तो वह इसकी जानकारी याचिकाकर्ता को देगा ताकि वह उचित कार्रवाई कर सके।
- यदि याचिकाकर्ता छह सप्ताह की अवधि में स्वीकार्य विचलनों को हटा देता है, तो इस दौरान MCD कोई दबावात्मक (coercive) कार्रवाई नहीं करेगा।
केस का शीर्षक: अनिजय त्यागी बनाम दिल्ली नगर निगम एवं अन्य
केस संख्या: W.P.(C) 11180/2025 एवं CM APPL. 45873/2025
निर्णय की तिथि: 30 जुलाई, 2025
याचिकाकर्ता के वकील: श्री योगेश कुमार राजपूत एवं श्री विजय कुमार द्विवेदी
प्रतिवादी के वकील: सुश्री सनम त्रिपाठी एवं श्री अपन मित्तल