मद्रास हाईकोर्ट ने अभिनेता विजय की पार्टी के झंडे पर रोक लगाने की याचिका खारिज की

By Prince V. • August 18, 2025

मद्रास हाईकोर्ट ने अभिनेता विजय की पार्टी Tamilaga Vetrri Kazhagam (TVK), झंडे पर रोक लगाने से इनकार किया, ट्रस्ट द्वारा लगाए गए ट्रेडमार्क और कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप खारिज।

मद्रास हाईकोर्ट ने अभिनेता विजय की राजनीतिक पार्टी,Tamilaga Vetrri Kazhagam (TVK), को उसके झंडे के इस्तेमाल से रोकने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि इस मामले में फिलहाल अंतरिम निषेधाज्ञा (इंजंक्शन) देने का आधार नहीं बनता।

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झंडे के डिज़ाइन पर विवाद

यह मामला जी.बी. पचैयप्पन, थोंडई मंडला सांड्रोर धर्म परिपालना सभै के ट्रस्टी, द्वारा दायर किया गया था। याचिकाकर्ता का दावा था कि विजय की पार्टी का झंडा उनके ट्रस्ट के पंजीकृत प्रतीक से मिलता-जुलता है। उनका कहना था कि दोनों झंडों में लाल और पीले रंग का संयोजन है, जिससे जनता भ्रमित हो सकती है।

उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट ने नवंबर 2023 में अपने झंडे का पंजीकरण करवाया था, जिससे यह न केवल ट्रेडमार्क बल्कि एक "कलात्मक कृति" भी बन गया है और इस पर कॉपीराइट सुरक्षा मिलनी चाहिए।

टीवीके की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय नारायण ने तर्क दिया कि न तो ट्रस्ट और न ही राजनीतिक पार्टी किसी व्यापार या वाणिज्यिक गतिविधि में संलग्न है, जो कि ट्रेडमार्क संरक्षण का मूल आधार है। उनका कहना था कि रंगों की समानता होने के बावजूद दोनों झंडों की शैली, प्रतीक और रूपरंग पूरी तरह अलग हैं।

नारायण ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर पाए कि उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक क्षति हुई है या विजय की पार्टी को झंडे के उपयोग से अनुचित लाभ हुआ है।

न्यायमूर्ति सेंथिलकुमार रामामूर्ति ने कहा कि कॉपीराइट उल्लंघन साबित करने के लिए पर्याप्त नकल का होना आवश्यक है, जो इस मामले में नहीं पाया गया।

आदेश में उन्होंने कहा:
"दोनों झंडों में रंगों की समानता हो सकती है, लेकिन केंद्रीय प्रतीक और कलात्मक अभिव्यक्ति पूरी तरह अलग हैं। यह नहीं कहा जा सकता कि प्रतिवादी का झंडा याचिकाकर्ता के झंडे की प्रतिलिपि है।"

अदालत ने ट्रस्ट के झंडे की तुलना टीवीके के झंडे से की। ट्रस्ट के झंडे में एक वृत्ताकार चिन्ह है जिसमें मछली, बाघ और धनुष-बाण के चित्र हैं, जबकि टीवीके के झंडे में अंडाकार आकार के भीतर हाथियों का चित्रण किया गया है।

ट्रेडमार्क उल्लंघन के सवाल पर अदालत ने कहा कि केवल रंगों का संयोजन किसी पंजीकृत चिन्ह की मुख्य विशेषता नहीं माना जा सकता।

पासिंग ऑफ़ के आरोप पर अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित करने में विफल रहे कि उनके पास पर्याप्त सद्भावना (गुडविल), गलत प्रस्तुति (मिसरिप्रजेंटेशन) या क्षति (डैमेज) हुई है।

मामले का शीर्षक: जी.बी. पचैयप्पन एवं अन्य बनाम तमिळगा வெற்றிக் கழகம் एवं अन्य
मामला संख्या: OA 713 of 2025

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