कोच्चि: केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को रैपर हिरन दास मुरली, जिन्हें वेदान के नाम से जाना जाता है, पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की याचिका खारिज कर दी। यह याचिका पुलिस द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी, जिसमें उसे अपना बयान दर्ज कराने के लिए पेश होने का निर्देश दिया गया था।
पृष्ठभूमि
महिला, जो एक शोध छात्रा है, ने पहले मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि दिसंबर 2020 में वेदान ने उसके साथ यौन दुर्व्यवहार किया जब वह कोच्चि स्थित उनके अपार्टमेंट में शैक्षणिक चर्चा के लिए गई थी। बाद में यह ज्ञापन पुलिस को भेजा गया, जिसके आधार पर एर्नाकुलम सेंट्रल पुलिस ने मामला दर्ज किया।
पीड़िता ने अदालत में यह कहते हुए राहत मांगी कि अगर वह पुलिस के सामने पेश होती है तो उसकी पहचान उजागर हो सकती है।
अदालत का अवलोकन
जब मामला न्यायमूर्ति सी. प्रतीप कुमार के समक्ष आया, तो लोक अभियोजक ने अदालत को सूचित किया कि 30 सितंबर को जारी किया गया नोटिस वापस ले लिया गया है।
पीठ ने कहा,
"पीड़िता की निजता को लेकर चिंता वाजिब है और जांच के हर चरण में इसका सम्मान किया जाना चाहिए।"
अदालत ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 72(1) का भी उल्लेख किया, जो यौन उत्पीड़न पीड़ित की पहचान उजागर करने पर रोक लगाती है ताकि उसकी गरिमा और मानसिक भलाई की रक्षा हो सके।
निर्णय
लोक अभियोजक के बयान को रिकॉर्ड करते हुए हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी, जिससे पीड़िता को राहत मिली। कोई अतिरिक्त निर्देश जारी नहीं किया गया क्योंकि पुलिस ने औपचारिक रूप से नोटिस वापस ले लिया था।
Case Title: X X v State of Kerala









