छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वकील द्वारा 'निर्देश न होने' पर कई याचिकाएँ की खारिज

By Shivam Yadav • September 15, 2025

स्मति अनीता ठाकुर बनाम राज्य छत्तीसगढ़ - छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अनीता ठाकुर व अन्य की रिट याचिकाएँ वकील द्वारा ‘निर्देश न होने’ पर खारिज कर दीं। मामला वर्षों से लंबित था।

बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शुक्रवार को एक अजीब लेकिन अदालतों में कभी–कभी देखने वाली स्थिति सामने आई। स्मति अनीता ठाकुर बनाम राज्य छत्तीसगढ़ सहित कई याचिकाएँ न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडेय के समक्ष आईं, लेकिन बहस की जगह मामला चुटकियों में निपट गया।

Read in Hindi

पृष्ठभूमि

ये याचिकाएँ वर्ष 2017 से लंबित थीं। अधिकांश याचिकाकर्ता रसोइया, चपरासी, चौकीदार और पानी पिलाने वाले कर्मचारी थे, जो कोरबा, बलरामपुर और जशपुर जैसे जिलों से आए थे। इन सबने आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग में भर्ती और सेवा से जुड़े मुद्दों को लेकर अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एच.एस. आहलूवालिया पेश हुए थे, जबकि राज्य की ओर से उप शासकीय अधिवक्ता शैलजा शुक्ला मौजूद थीं। इतने वर्षों से लंबित मामले को लेकर ग्रामीण इलाकों से आए लोग बड़ी उम्मीदों के साथ कोर्ट पहुँचे थे।

Also Read : दुरुपयोग के आरोपों के बीच मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगा दी

अदालत की टिप्पणियाँ

जब केस पुकारा गया तो श्री आहलूवालिया खड़े हुए और सीधे कहा- ''मुझे अपने मुवक्किलों से कोई निर्देश प्राप्त नहीं है।'' इस पर न्यायमूर्ति पांडेय ने कहा कि जब वकील ही निर्देश न होने की बात कर रहा है, तब अदालत इन याचिकाओं को आगे नहीं बढ़ा सकती।

बेंच ने स्पष्ट कहा-

''अधिवक्ता द्वारा की गई प्रस्तुति को दर्ज करते हुए, इन सभी रिट याचिकाओं को इसी आधार पर खारिज किया जाता है।''

गैलरी में बैठे वकीलों ने एक–दूसरे को देखा, मानो कह रहे हों कि इतने समय से लंबित मामले का यही अंजाम होना था।

Also Read : सुप्रीम कोर्ट ने कहा– भिखारियों के आश्रय घरों में गरिमा सुनिश्चित हो, दिल्ली में हैजा मौतों पर कड़ी टिप्पणी

निर्णय

अंततः अदालत ने स्मति अनीता ठाकुर और अन्य की याचिकाओं को सिर्फ तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया। इन याचिकाओं की मेरिट पर कोई चर्चा नहीं हुई।

कार्यवाही समाप्त होते ही अगला मामला बुला लिया गया और ग्रामीण इलाकों से आए याचिकाकर्ता मायूस होकर बाहर निकले। उनके लिए अब भी रास्ता खुला है कि वे दोबारा उचित तैयारी और कानूनी प्रतिनिधित्व के साथ अदालत का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं।

Case Tittle : स्मति अनीता ठाकुर बनाम राज्य छत्तीसगढ़

Case Number : WPS No. 3645 / 2017

Recommended