Logo
Court Book - India Code App - Play Store

advertisement

ब्रेकिंग: दुरुपयोग के आरोपों के बीच मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगा दी

Shivam Y.

अरिहंत तिवारी और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य - मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर दुरुपयोग के बाद आपराधिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग रोक दी; रिकॉर्डिंग के बिना Webex एक्सेस को निर्देशित करता है।

ब्रेकिंग: दुरुपयोग के आरोपों के बीच मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगा दी

जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अस्थायी तौर पर सभी आपराधिक मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग रोक दी है। यह आदेश तब आया जब एक याचिकाकर्ता ने सोशल मीडिया पर अदालती कार्यवाही के दुरुपयोग की शिकायत की। यह फैसला 12 सितम्बर 2025 को डब्ल्यूपी नं. 36619/2025, अरिहंत तिवारी एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य मामले में सुनाया गया।

Read in English

पृष्ठभूमि

याचिकाकर्ता अरिहंत तिवारी ने मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय साराफ की पीठ के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर कहा कि अदालत की लाइव स्ट्रीमिंग से जुड़े वीडियो को “रील्स, मीम्स और अपमानजनक कंटेंट” में बदलकर वकीलों और जजों का मज़ाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

Read also:- बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे महिला पर दर्ज धोखाधड़ी एफआईआर को किया खारिज, कहा– "निजी ज़मीन विवाद में पुलिस का गलत इस्तेमाल"

तिवारी ने यह भी बताया कि यह सब उस स्पष्ट आदेश के बावजूद हो रहा है, जो पहले WP नं. 30572/2024 (डॉ. विजय बजाज बनाम भारत संघ एवं अन्य) मामले में पारित किया गया था। उस आदेश में मेटा, यूट्यूब, ट्विटर और अन्य प्लेटफॉर्मों के साथ-साथ व्यक्तियों और एजेंसियों को अदालत की लाइव स्ट्रीमिंग सामग्री को एडिट या अवैध तरीके से साझा करने से रोका गया था। यह रोक मध्य प्रदेश लाइव स्ट्रीमिंग और रिकार्डिंग नियम, 2021 के नियम 11(बी) पर आधारित थी, जो इस तरह के अनधिकृत प्रसार पर प्रतिबंध लगाता है।

अदालत की टिप्पणियाँ

पीठ याचिकाकर्ता की दलीलों पर गंभीर नज़र आई। याचिकाकर्ता ने कहा, “पहले दिए गए रोक आदेश के बावजूद ये उल्लंघन लगातार जारी हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यहां तक कि संवेदनशील आपराधिक मामलों की कार्यवाही को भी छोटे-छोटे वीडियो में बदलकर यूट्यूब पर डाला जा रहा है।

Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा विधायक मम्मन खान का अलग मुकदमा रद्द किया, नूंह हिंसा मामले में संयुक्त सुनवाई का आदेश

न्यायाधीशों ने इन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए नोटिस जारी करने का निर्णय लिया। भारत संघ की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल श्री एस.एम. गुरु और प्रतिवादी क्रमांक 2 और 3 की ओर से अधिवक्ताओं ने अदालत में ही नोटिस स्वीकार कर लिया।

निर्णय

अगली सुनवाई तक, अदालत ने रजिस्ट्री को आदेश दिया है कि 15 सितम्बर 2025 से सभी पीठों में आपराधिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग रोक दी जाए। साथ ही, पारदर्शिता और नियंत्रण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए अदालत ने निर्देश दिया कि वेबसाइट पर वेबेक्स लिंक उपलब्ध रहेंगे ताकि आमजन कार्यवाही देख सकें। हालांकि, इन वेबेक्स लिंक पर रिकॉर्डिंग की सुविधा किसी को भी नहीं दी जाएगी।

यह मामला अब 25 सितम्बर 2025 को डॉ. विजय बजाज के मामले के साथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होगा।

केस का शीर्षक:- अरिहंत तिवारी और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य

केस नंबर:- WP नंबर 36619 ऑफ 2025

Advertisment

Recommended Posts