मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 19 जुलाई 2025 को विवादास्पद फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ की रिलीज़ पर रोक लगा दी, जो कि दिल्ली हाईकोर्ट के हाल ही के आदेश को लागू करते हुए की गई। इस आदेश के बाद फिल्म की मध्य प्रदेश में रिलीज़ भी फिलहाल टल गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने दिया, जब दो सामाजिक कार्यकर्ताओं विशाल और आबिद हुसैन बरकाती द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हो रही थी। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि फिल्म में मुस्लिम समुदाय और पैग़म्बर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक बातें दिखाई गई हैं। उन्होंने फिल्म की रिलीज़ पर तत्काल रोक लगाने के साथ-साथ फिल्म के कलाकारों और निर्माताओं पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी।
सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ताओं के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट के 10 जुलाई 2025 को दिए गए फैसले का हवाला दिया, जो कि मौलाना अरशद मदनी बनाम भारत संघ व अन्य मामले में आया था, जिसे 2025 LiveLaw (Del) 776 में रिपोर्ट किया गया है।
“मेरे विचार में, इस याचिका में उठाए गए मुद्दों पर पहले ही विस्तार से विचार किया जा चुका है। अतः यह याचिका भी दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुसार ही निपटाई जाती है… उक्त आदेश याचिकाकर्ताओं के मामले में भी म्यूटेटिस म्यूटांडिस लागू होगा।”— न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही फिल्म की रिलीज़ पर 11 जुलाई 2025 से रोक लगा दी थी, और इस्लामी संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद सहित याचिकाकर्ताओं को फिल्म को मिली CBFC (सेंसर बोर्ड) की स्वीकृति के खिलाफ केंद्र सरकार के पास पुनर्विचार आवेदन देने की अनुमति दी थी।
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“जब तक याचिकाकर्ता द्वारा यदि सरकार के समक्ष अंतरिम राहत हेतु आवेदन किया गया है, और उस पर निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक फिल्म की रिलीज़ पर रोक रहेगी।”— दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत कोई तीसरा पक्ष भी पुनरीक्षण का आवेदन दे सकता है, और सरकार को ऐसे आवेदन एक सप्ताह के भीतर निपटाने का निर्देश दिया गया।
इस बीच, यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया है जहां दो याचिकाएं लंबित हैं:
- एक याचिका कान्हैयालाल हत्या मामले के एक आरोपी द्वारा दायर की गई है, और
- दूसरी याचिका फिल्म निर्माताओं द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के खिलाफ दायर की गई है।
16 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी, यह देखते हुए कि केंद्र सरकार उसी दिन दोपहर 2:30 बजे फिल्म की प्रमाणन के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई करने वाली थी। वर्तमान में, फिल्म की रिलीज़ पर रोक बनी हुई है।
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पृष्ठभूमि:
यह फिल्म जून 2022 में उदयपुर के दर्ज़ी कान्हैयालाल टेल़ी की हत्या पर आधारित है, जिसे कथित तौर पर मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद ग़ौस ने बेरहमी से अंजाम दिया था। आरोपियों ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि यह हत्या नूपुर शर्मा के विवादास्पद बयान का समर्थन करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट के जवाब में की गई।
यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा जाँच के अधीन है, और आरोपियों के खिलाफ UAPA और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं लगाई गई हैं। मामला फिलहाल जयपुर की विशेष NIA अदालत में विचाराधीन है।