केरल हाईकोर्ट ने शनिवार, 29 नवंबर 2025 को फिल्म निर्देशक धिनिल बाबू की अग्रिम जमानत (प्री-अरेस्ट बेल) याचिका खारिज कर दी। यह मामला एक अभिनेत्री द्वारा दर्ज शिकायत से जुड़ा है, जिसमें उनके साथ फिल्म प्रोडक्शन ऑफिस में शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। सुनवाई जस्टिस डॉ. कौसर एडप्पगाथ की पीठ के समक्ष हुई।
मामले की पृष्ठभूमि
यह केस क्राइम नंबर 749/2025 के तहत एर्नाकुलम टाउन साउथ पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ। शिकायत के अनुसार, 11 अक्टूबर 2025 की शाम 7 बजे, आरोपी ने अभिनेत्री को “फिल्म से जुड़ी चर्चा” के बहाने फोर कैसल बिल्डिंग स्थित प्रोडक्शन ऑफिस बुलाया और एक कमरे में ले जाकर उनसे छेड़छाड़ की।
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इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराएँ 74, 75(1) और 126(2) लगाई गई हैं।
अभियोजन का पक्ष
सरकारी वकील श्री एम.सी. आशी ने जमानत का विरोध किया और कोर्ट को बताया कि यह घटना संयोग नहीं बल्कि पूर्व नियोजित लगती है। अभियोजन की दलील थी कि इस स्तर पर बेल मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है और गवाहों पर दबाव या प्रभाव डालने की आशंका बनी रहेगी।
आरोपी की दलील
बचाव पक्ष ने कहा कि आरोपी को गलत तरीके से फंसाया गया है और उन्होंने एक पेन ड्राइव भी सौंपी, जिसमें कथित बातचीत होने का दावा किया गया। लेकिन कोर्ट ने रिकॉर्ड देखने के बाद स्पष्ट किया कि यह सामग्री मामले से जुड़े तथ्य साबित नहीं करती और इससे आरोपी को राहत नहीं मिल सकती।
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कोर्ट की टिप्पणियाँ
कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत सामान्य अधिकार नहीं है, बल्कि विशेष परिस्थिति में ही दी जा सकती है। केस डायरी की समीक्षा के बाद न्यायालय ने पाया कि आरोप गंभीर हैं और FIR में विशिष्ट घटनाक्रम दर्ज है।
कोर्ट ने अवलोकन किया:
“प्रथम दृष्टया आरोप पूर्व नियोजित आपराधिक कृत्य की ओर संकेत करते हैं।”
“आरोपी द्वारा पीड़िता को रोककर उसकी शारीरिक गरिमा भंग करने का आरोप जांच में सामने आया है।”
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अंतिम निर्णय
गंभीर आरोपों, जांच की प्रारंभिक अवस्था और गवाहों को प्रभावित करने की संभावना को ध्यान में रखते हुए बेल याचिका खारिज कर दी गई।
“यह वह मामला नहीं है जिसमें धारा 482 BNSS के तहत असाधारण अधिकार का उपयोग किया जा सके,” आदेश में कहा गया।
Case Title:- Dhinil Babu v. State of Kerala
Case Number:- Bail Application No. 13422/2025














