जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में शुक्रवार को एक अहम मामला सामने आया, जहां एक दुकानदार ने जिला प्रशासन पर बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए उसकी दुकान गिराने का आरोप लगाया। अदालत ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए फिलहाल स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
यह मामला उधमपुर जिले के नरसू गांव से जुड़ा है, जहां कथित रूप से सरकारी भूमि पर बनी एक दुकान को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया था।
मामले की पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता फारूक अहमद वानी ने अदालत को बताया कि उन्होंने वर्ष 2018 में मोहम्मद यूसुफ नामक व्यक्ति से एक समझौते के तहत उक्त भूमि पर दुकान बनाई थी। यूसुफ ने खुद को राज्य भूमि का अलॉटी बताया था।
याचिकाकर्ता का दावा है कि उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से दुकान खड़ी की थी, लेकिन जिला प्रशासन ने बिना कोई पूर्व सूचना दिए मशीनों और कर्मचारियों की मदद से उसे गिरा दिया। इस कार्रवाई से उनका पूरा निवेश मिट्टी में मिल गया।
इसी आधार पर फारूक अहमद वानी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और 5 करोड़ रुपये मुआवज़े की मांग करते हुए रिट याचिका दायर की।
अदालत की टिप्पणी
मामले की सुनवाई के दौरान माननीय न्यायमूर्ति राहुल भारती ने याचिकाकर्ता की शिकायतों को संज्ञान में लिया। अदालत ने पाया कि प्रथम दृष्टया मामला जांच योग्य है और प्रशासन की कार्रवाई पर जवाब जरूरी है।
अदालत ने आदेश में कहा,
“मामले में प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जाए और तब तक विवादित स्थल पर किसी भी प्रकार का निर्माण या पुनर्निर्माण न किया जाए।”
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अंतरिम आदेश प्रतिवादियों की आपत्तियों के अधीन रहेगा।
अदालत का आदेश
हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी। इसके साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि ध्वस्त की गई जगह पर पूर्ण यथास्थिति बनाए रखी जाए और किसी भी तरह की गतिविधि न की जाए।
मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी 2026 को सूचीबद्ध की गई है।
Case Title: Farooq Ahamad Wani vs UT of J&K & Ors.
Case No.: WP(C) No. 3671/2025
Case Type: Writ Petition (Civil)
Decision Date: 26 December 2025














