Logo
Court Book - India Code App - Play Store

पुणे में प्रेम विवाह 24 घंटे में टूटा: रहने की व्यवस्था को लेकर विवाद के बाद अदालत ने त्वरित आपसी तलाक मंजूर किया

Shivam Y.

पुणे में लव मैरिज 24 घंटे में टूटी। रहने की व्यवस्था पर मतभेद के बाद दंपति ने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला लिया। कोर्ट ने त्वरित आदेश दिया।

पुणे में प्रेम विवाह 24 घंटे में टूटा: रहने की व्यवस्था को लेकर विवाद के बाद अदालत ने त्वरित आपसी तलाक मंजूर किया
Join Telegram

पुणे में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक डॉक्टर और एक इंजीनियर की लव मैरिज सिर्फ 24 घंटे के अंदर ही टूट गई। लगभग तीन साल के रिश्ते के बाद शादी करने वाले इस कपल ने शादी के अगले ही दिन अदालत का रुख किया और आपसी सहमति से अलग होने का फैसला लिया।

Read in English

अदालत में दर्ज विवरण के अनुसार, विवाद तब शुरू हुआ जब शादी के बाद पति ने बताया कि वह जहाज़ पर काम करता है और यह तय नहीं है कि उसकी तैनाती कहाँ होगी और वह कितने समय के लिए समुद्र में रहेगा। इस स्पष्टता की कमी के कारण पत्नी जो पुणे में मेडिकल प्रैक्टिस करती हैं ने भविष्य में वैवाहिक जीवन संभालने को लेकर असमंजस जताया।

Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने सरपंच निहाल सिंह को बड़ी राहत दी, आत्मसमर्पण से 8 हफ्ते की छूट, हाईकोर्ट से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध

इस मामले का प्रतिनिधित्व करने वाली अधिवक्ता रानी सोनवणे ने बताया कि मतभेद पूरी तरह व्यावहारिक और रहने की व्यवस्था को लेकर थे, न कि किसी गंभीर आरोप या अपराध पर आधारित। उन्होंने कहा,

“यह लव मैरिज थी और दोनों एक-दूसरे को दो से तीन साल से जानते थे। लेकिन शादी के बाद पति ने बताया कि वह कब और कहाँ रहेगा, यह निश्चित नहीं है। यही बात दोनों के बीच सबसे बड़ा अवरोध बन गई।”

Read also:- दिल्ली हाई कोर्ट ने फर्जी ‘अकासा एयर’ नौकरी ठगी पर सख्ती; डोमेन, मोबाइल नंबर और UPI ब्लॉक के आदेश

सोनवणे ने यह भी स्पष्ट किया कि मामला शांतिपूर्वक निपटा और किसी तरह की दुश्मनी या आरोप-प्रत्यारोप नहीं हुआ।

“कोई हिंसा या आपराधिक आरोप नहीं था। दोनों ने शांत मन से आपसी सहमति से अलग होने का निर्णय लिया,” उन्होंने कहा।

Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने रिदम गोयल की जमानत रद्द करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराया, सरेंडर का निर्देश

अदालत ने परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उन कानूनी दिशानिर्देशों का इस्तेमाल किया, जिनके तहत ऐसे मामलों में लंबी प्रतीक्षा अवधि की आवश्यकता नहीं होती। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा,

“जब विवाह शुरुआत से ही असंभव स्थिति में आ जाए और दोनों पक्ष सहमत हों कि साथ रहना व्यावहारिक नहीं, तो कानून को अनावश्यक विलंब नहीं करना चाहिए।”

अदालत के आदेश के बाद यह विवाह कानूनी रूप से समाप्त हो गया, और इस तरह 24 घंटे के भीतर शादी और तलाक दोनों की प्रक्रिया पूरी हो गई।

Recommended Posts