सिक्किम हाई कोर्ट में एक संक्षिप्त लेकिन निर्णायक सुनवाई के दौरान, एक युवा डॉक्टर द्वारा दायर उस रिट याचिका का शांत अंत हो गया, जिसमें भर्ती साक्षात्कार से बाहर किए जाने को चुनौती दी गई थी। जब मुख्य राहत पहले ही दी जा चुकी थी, तो अदालत ने माना कि बहस के लिए बहुत कुछ शेष नहीं है। न्यायमूर्ति मीनाक्षी मदन राय द्वारा सुना गया यह मामला बिना किसी औपचारिकता के निपटा दिया गया, हालांकि चयन प्रक्रिया के लिए इसके मायने साफ थे।
पृष्ठभूमि
यह मामला डॉ. रुचिता भुजेल द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने सिक्किम लोक सेवा आयोग (SPSC) द्वारा कराई जा रही भर्ती प्रक्रिया के वाइवा-वोचे चरण में शामिल होने से जुड़ी दिक्कतों के बाद अदालत का रुख किया था। इससे पहले नवंबर में, हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए आयोग को निर्देश दिया था कि उन्हें साक्षात्कार में बैठने की अनुमति दी जाए। उस आदेश का पालन करते हुए, SPSC ने उन्हें 20 नवंबर को अन्य उम्मीदवारों के साथ साक्षात्कार में शामिल होने दिया।
जब दिसंबर में मामला दोबारा उल्लेख के लिए आया, तब तक साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। इसके बाद SPSC की ओर से याचिका के निस्तारण के लिए एक आवेदन दाखिल किया गया, यह कहते हुए कि मूल शिकायत अब बनी नहीं रहती।
अदालत की टिप्पणियाँ
सुनवाई के दौरान, आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने दलील दी कि याचिकाकर्ता की मुख्य मांग - वाइवा-वोचे में शामिल होने की अनुमति - पूरी तरह से मान ली गई है। अदालत को बताया गया, “चूंकि याचिकाकर्ता की सभी प्रार्थनाएँ इस अदालत के समक्ष वाइवा-वोचे में शामिल होने तक ही सीमित थीं… इसलिए यह रिट याचिका अब निष्प्रभावी हो गई है।”
पीठ ने यह भी नोट किया कि डॉ. भुजेल की ओर से पेश वकील ने इस स्थिति पर कोई आपत्ति नहीं जताई। खुली अदालत में कहा गया कि चूंकि याचिकाकर्ता साक्षात्कार में शामिल हो चुकी हैं, इसलिए मामले को बंद किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। न्यायमूर्ति राय ने संक्षेप में दर्ज किया कि प्रस्तुत दलीलों पर विचार कर लिया गया है और अब आगे किसी निर्णय की आवश्यकता नहीं है।
निर्णय
इन परिस्थितियों को देखते हुए, हाई कोर्ट ने यह कहते हुए रिट याचिका का निस्तारण कर दिया कि अब निर्णय के लिए कुछ भी शेष नहीं है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अब सिक्किम लोक सेवा आयोग को चयन प्रक्रिया के अंतिम परिणाम घोषित करने से कोई रोक नहीं है। मामले से जुड़ी कोई भी लंबित अर्ज़ियाँ भी निस्तारित मानी जाएंगी, जिससे इस प्रकरण का औपचारिक समापन हो गया।
Case Title: Dr. Ruchita Bhujel vs State of Sikkim and Others
Case No.: WP(C) No. 73 of 2025
Case Type: Writ Petition (Civil)
Decision Date: 12 December 2025














