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राजस्थान हाईकोर्ट ने सुमन यादव को आपराधिक रिट याचिका वापस लेने की अनुमति दी, 2024 के फैसले के तहत वैकल्पिक उपाय की छूट दी

Shivam Y.

राजस्थान उच्च न्यायालय ने सुमन यादव को अपनी आपराधिक रिट याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है, साथ ही 2024 के पिछले फैसले के तहत वैकल्पिक उपाय तलाशने की स्वतंत्रता भी प्रदान की है। - सुमन यादव, गजेंद्र सिंह यादव की पत्नी बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य

राजस्थान हाईकोर्ट ने सुमन यादव को आपराधिक रिट याचिका वापस लेने की अनुमति दी, 2024 के फैसले के तहत वैकल्पिक उपाय की छूट दी

राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर ने मंगलवार को सुमन यादव, पत्नी गजेंद्र सिंह यादव को उनकी फौजदारी रिट याचिका वापस लेने की अनुमति दी, साथ ही वैकल्पिक कानूनी उपाय अपनाने की स्वतंत्रता भी दी। यह मामला न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ के समक्ष आया, जिन्होंने दोनों पक्षों की संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद आदेश पारित किया।

मामला एस.बी. क्रिमिनल रिट पिटीशन नंबर 994/2025 - याचिकाकर्ता सुमन यादव द्वारा राजस्थान राज्य सरकार और कुछ निजी प्रतिवादियों (जो जयपुर के तेजा विहार क्षेत्र में रहते हैं) के खिलाफ दायर किया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता गजेंद्र भवन ने लकी शर्मा की ओर से पैरवी की।

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याचिकाकर्ता ने पुलिस से संबंधित एक शिकायत और अधिकारियों की कथित निष्क्रियता को लेकर न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग की थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने न्यायालय को बताया कि वे यह याचिका वापस लेना चाहते हैं, क्योंकि इसी प्रकार के मामलों में न्यायालय की समन्वय पीठ ने पहले ही एक वैकल्पिक उपाय का निर्देश दिया था। यह आदेश सुमन मीना एवं अन्य बनाम राज्य बनाम राजस्थान एवं अन्य (एस.बी. क्रिमिनल रिट पिटीशन नंबर 792/2024) के मामले में 2 अगस्त 2024 को पारित हुआ था।

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न्यायमूर्ति गोयल ने कहा कि जब याचिकाकर्ता स्वयं वैकल्पिक उपाय अपनाने की इच्छा प्रकट कर रही हैं, तो इस याचिका को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है।

पीठ ने कहा,

"याचिकाकर्ता को समन्वय पीठ के 02.08.2024 के आदेश में प्रदत्त उपाय अपनाने की स्वतंत्रता दी जाती है," आदेश में उल्लेख किया गया।

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न्यायाधीश की यह संक्षिप्त टिप्पणी इस बात की ओर इशारा करती है कि न्यायालय समान प्रकृति के मामलों में एकरूपता बनाए रखना चाहता है, ताकि एक ही मुद्दे पर बार-बार नई याचिकाएँ दाखिल करने से बचा जा सके।

न्यायालय ने इस प्रकार याचिका को वापस लिए जाने के साथ खारिज कर दिया, और याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी कि वह पूर्व आदेश के अनुसार उपयुक्त वैकल्पिक कानूनी उपाय अपना सके। मामले से जुड़ी सभी लंबित अर्जियाँ भी निस्तारित कर दी गईं।

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इस तरह यह सुनवाई करीब दस मिनट से भी कम समय में समाप्त हो गई - जैसा कि उन मामलों में सामान्यतः होता है, जहाँ याचिकाकर्ता स्वेच्छा से याचिका वापस ले लेता है।

Case Title: Suman Yadav Wife of Gajendra Singh Yadav vs The State of Rajasthan & Others

Case Number: Writ Petition No. 994/2025

Date of Judgment: 8 October 2025

Advocates:

  • For Petitioner: Mr. Gajendra Bhawan, for Mr. Lucky Sharma
  • For Respondents (State): Mr. Manvendra Singh Shekhawat, Public Prosecutor

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