भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत दायर एक तलाक याचिका को वापस लेने की अनुमति दी है। यह मामला राहुल बासोया (याचिकाकर्ता) बनाम हरियाणा राज्य व अन्य (प्रतिवादी) से संबंधित है।
मामला पृष्ठभूमि
यह मामला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा CRM-M No. 27739/2021 में 21 नवंबर 2024 को दिए गए अंतिम आदेश से उत्पन्न हुआ था। इसे विशेष अनुमति याचिका (फौजदारी) संख्या 17618/2024 के रूप में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
यह मामला 25 जुलाई 2025 को निम्नलिखित पीठ के समक्ष सुना गया:
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सुनवाई के दौरान निम्नलिखित प्रमुख कार्यवाही हुई:
"दो सप्ताह में प्रत्युत्तर हेतु नोटिस जारी करें।"
कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की है।
याचिकाकर्ता के वकील ने IA No. 158047/2025 को वापस लेने की अनुमति मांगी, जो अनुच्छेद 142 के तहत तलाक की मांग हेतु दायर की गई थी।
“याचिकाकर्ता के वकील ने अनुच्छेद 142 के तहत तलाक के लिए दायर अंतरिम आवेदन IA No. 158047/2025 को वापस लेने की प्रार्थना की। प्रार्थना स्वीकार की जाती है। उक्त आवेदन को वापस लिया गया मानते हुए खारिज किया जाता है।”
इसका अर्थ है कि तलाक की याचिका को अब आधिकारिक रूप से अदालत से हटा दिया गया है।मध्यस्थता रिपोर्ट प्राप्त हुई
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कोर्ट ने यह भी स्वीकार किया कि मध्यस्थता रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, जो संभवतः पक्षों के बीच समझौते की प्रक्रिया का हिस्सा रही होगी।
सुनवाई में निम्नलिखित अंतरिम आवेदनों को भी सूचीबद्ध किया गया:
- IA No. 290669/2024 – दोषयुक्त आदेश की प्रमाणित प्रति से छूट।
- IA No. 296834/2024 – अनुवाद प्रस्तुत करने से छूट।
- IA No. 296835/2024 – अतिरिक्त दस्तावेज़, तथ्य और परिशिष्ट दाखिल करने की अनुमति।