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सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना ट्रांसको को नई भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना ट्रांसको को 2017 की भर्ती जारी रखने की अनुमति दी, हाईकोर्ट का 2011–12 की पुरानी अधिसूचनाओं वाला आदेश रद्द किया।

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना ट्रांसको को नई भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने तेलंगाना हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए तेलंगाना स्टेट ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन (TS-Transco) को 2017 में जारी किए गए सब-इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) पदों की नई भर्ती अधिसूचना के अनुसार आगे बढ़ने की अनुमति दी है।

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मामले की पृष्ठभूमि

मामला आंध्र प्रदेश ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन (AP-Transco) से शुरू हुआ, जिसने वर्ष 2011–12 में 339 सब-इंजीनियर पदों की भर्ती के लिए अधिसूचनाएं जारी की थीं। चयन प्रक्रिया सेवा में कार्यरत उम्मीदवारों को दिए गए अतिरिक्त वेटेज अंकों पर कानूनी विवाद के कारण अटक गई। इस बीच 2014 में आंध्र प्रदेश का विभाजन हुआ और तेलंगाना राज्य के लिए TS-Transco की स्थापना हुई।

विभाजन के बाद TS-Transco ने 28 दिसंबर 2017 को तेलंगाना में 174 सब-इंजीनियरों की भर्ती के लिए नई अधिसूचना जारी की और 2011–12 की पुरानी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया। पहले परीक्षा पास कर चुके कई उम्मीदवारों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी।

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मार्च 2020 में तेलंगाना हाईकोर्ट ने माना कि 2011–12 की भर्ती प्रक्रिया को रद्द करना गैरकानूनी था। अदालत ने TS-Transco को पुरानी चयन प्रक्रिया जारी रखने और योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा:

“TS-Transco का यह निर्णय कि पहले की भर्ती अधिसूचनाएं समाप्त हो चुकी हैं, अस्थिर और अवैध है। निगम को चयन प्रक्रिया जारी रखनी होगी और चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र जारी करना होगा।”

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस पामिडिघंटम श्रीनिवास और जस्टिस जॉयमल्या बागची शामिल थे, हाईकोर्ट से असहमत हुई। कोर्ट ने कहा कि पुरानी भर्ती प्रक्रिया कानूनी विवादों के चलते पहले ही वर्षों तक लंबित रही और राज्य के विभाजन के बाद TS-Transco को अपने स्टाफ की ज़रूरतों का पुनर्मूल्यांकन करने और नई भर्ती करने का पूरा अधिकार था।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा:

“चयनित उम्मीदवार को नियुक्ति का कोई निहित अधिकार नहीं होता। खाली पदों को न भरने का कोई भी निर्णय bona fide और वैध कारणों से लिया जाना चाहिए। TS-Transco ने वैध अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए आयु सीमा में छूट दी ताकि पुराने उम्मीदवार भी नई चयन प्रक्रिया में भाग ले सकें।”

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि विभाजन के बाद जोन और आरक्षण का ढांचा बदल चुका था, इसलिए पुरानी प्रक्रिया को जारी रखना व्यावहारिक नहीं था।

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि TS-Transco द्वारा पुरानी अधिसूचनाओं को रद्द करना और 2017 में नई अधिसूचना जारी करना वैध था। कोर्ट ने हाईकोर्ट के निर्देशों को रद्द करते हुए निगम को 2017 की अधिसूचना के अनुसार भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति दी।

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साथ ही, उन उम्मीदवारों की अपील भी खारिज कर दी गई जिन्होंने नई परीक्षा में असफल होकर यह मांग की थी कि रद्द की गई पुरानी अधिसूचनाओं की रिक्तियों को नई रिक्तियों में जोड़ दिया जाए।

मामले का शीर्षक: ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन ऑफ तेलंगाना स्टेट लिमिटेड एवं अन्य बनाम चुक्कला क्रांति किरण एवं अन्य

उद्धरण: 2025 आईएनएससी 1029

मामले का प्रकार: सिविल अपील (विशेष अनुमति याचिका (सी) संख्या 11149, 11481, 11170, 12599/2020 एवं 761/2021)

निर्णय की तिथि: 22 अगस्त 2025

अपीलकर्ता: ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन ऑफ तेलंगाना स्टेट लिमिटेड (टीएस-ट्रांसको) एवं अन्य

प्रतिवादी: चुक्कला क्रांति किरण एवं अन्य (रिट याचिकाकर्ता एवं अभ्यर्थी)

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