Logo
Court Book - India Code App - Play Store

advertisement

विक्रम बक्शी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट ने विक्रम बक्शी बनाम आर.पी. खोसला मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया, कहा कि धारा 362 CrPC के तहत आपराधिक आदेश की समीक्षा प्रतिबंधित है।

विक्रम बक्शी मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज

सुप्रीम कोर्ट ने विक्रम बक्शी और आर.पी. खोसला समूह के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद में दिल्ली हाईकोर्ट का वह आदेश रद्द कर दिया है, जिसमें उसने अपने ही पूर्व निर्णय को वापस लिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपनी आपराधिक कार्यवाही से जुड़े आदेश की समीक्षा करके अपने अधिकार क्षेत्र से अधिक कदम उठाया, जबकि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 362 इसके लिए स्पष्ट रूप से रोक लगाती है।

Read in English

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला दो कारोबारी समूहों- बक्शी समूह (विक्रम बक्शी) और खोसला समूह (आर.पी. खोसला)- के बीच हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक रिजॉर्ट परियोजना को लेकर विवाद से जुड़ा था।

दिसंबर 2005 में दोनों पक्षों के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) हुआ और इसके लिए मोंत्रो रिजॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (MRPL) नामक कंपनी बनाई गई। बाद में शेयरहोल्डिंग को लेकर विवाद हुआ और बक्शी समूह पर दमन, कुप्रबंधन और 30.09.2006 की वार्षिक आम बैठक (AGM) की कार्यवाही के फर्जी मिनट्स तैयार करने का आरोप लगा। इसके चलते मामला कंपनी लॉ बोर्ड (CLB), हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।

यह भी पढ़ें: वकील पर पुलिस के क्रूर हमले के बाद कोलकाता के वकीलों ने अदालत का बहिष्कार किया

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में एक सहमति आदेश पारित करते हुए कहा था कि सभी विवाद, जिनमें धारा 340 CrPC के तहत झूठी गवाही (perjury) के आरोप भी शामिल हैं, CLB (अब NCLT) ही तय करेगा। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इन मामलों पर सुनवाई से रोक दिया था।

2019 में खोसला समूह ने बक्शी समूह पर झूठी गवाही का आरोप लगाते हुए धारा 340 CrPC के तहत नई याचिका दायर की। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे अगस्त 2020 में यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला पहले से ही NCLT के पास लंबित है।

बाद में खोसला समूह ने समीक्षा याचिका दायर की और कहा कि सोनिया खोसला ने फरवरी 2020 में ही कंपनी याचिका वापस ले ली थी, जिसकी जानकारी अदालत को पहले नहीं दी गई थी। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने मई 2021 में अपने पूर्व आदेश को वापस लेते हुए मामला फिर से खोल दिया।

यह भी पढ़ें: शिशु हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नीलम कुमारी को बरी किया, कमजोर सबूत और मकसद की कमी का हवाला दिया

इस आदेश को बक्शी समूह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

सुप्रीम कोर्ट ने यह जांच की कि क्या हाईकोर्ट इस तरह आपराधिक आदेश को वापस ले सकता है। अदालत ने धारा 362 CrPC का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है:

“कोई भी न्यायालय, जब किसी मामले का अंतिम आदेश पारित कर हस्ताक्षर कर देता है, तो वह उसे बदल या पुनः समीक्षा नहीं कर सकता, सिवाय केवल किसी लिपिकीय या गणनात्मक त्रुटि को ठीक करने के।”

अदालत ने स्टेट ऑफ केरल बनाम एम.एम. मणिकांतन नायर और संजय कपूर बनाम चंदना कपूर जैसे फैसलों का उल्लेख किया और साफ किया कि आपराधिक मामलों में एक बार आदेश हो जाने पर अदालत का अधिकार समाप्त हो जाता है (functus officio)। केवल सीमित परिस्थितियों—जैसे अदालत से धोखाधड़ी, अधिकार क्षेत्र की कमी, या स्पष्ट clerical त्रुटि- में ही आदेश वापस लिया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने एससी/एसटी अत्याचार मामले को खारिज कर दिया, वैवाहिक विवाद में आरोपों को सार्वजनिक

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कंपनी याचिका की वापसी की जानकारी पहले से ही खोसला समूह को थी, लेकिन इसे अदालत के सामने नहीं रखा गया। बाद में इसे आधार बनाकर आदेश को वापस लेने की मांग करना “procedural review” का दिखावा है, जो कानूनन मान्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश पारित किया।

“न्यायिक कार्यवाही की अंतिमता को कमजोर करने वाला ऐसा कदम स्वीकार्य नहीं है,” अदालत ने कहा।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 05.05.2021 के आदेश को रद्द कर दिया और अपील को मंज़ूर कर लिया। सभी लंबित आवेदनों का भी निपटारा कर दिया गया।

मामला: विक्रम बख्शी एवं अन्य बनाम आर.पी. खोसला एवं अन्य

केस का प्रकार: आपराधिक अपील @ एसएलपी (सीआरएल) संख्या 3425, 2022

अपीलकर्ता (बख्शी समूह):

  • विक्रम बक्शी
  • विनोद सुरहा
  • वाडिया प्रकाश

प्रतिवादी (खोसला समूह):

  • आर.पी. खोसला (मुख्य प्रतिनिधि)
  • आनंद मोहन मिश्रा (औपचारिक प्रतिवादी)

Advertisment

Recommended Posts

तेलंगाना गोद लेने विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों को दत्तक माता-पिता को लौटाने का आदेश दिया

तेलंगाना गोद लेने विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों को दत्तक माता-पिता को लौटाने का आदेश दिया

14 Aug 2025 11:51 AM
हाई कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक की याचिका खारिज करने का फैमिली कोर्ट का फैसला बरकरार रखा

हाई कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर तलाक की याचिका खारिज करने का फैमिली कोर्ट का फैसला बरकरार रखा

18 Aug 2025 2:54 PM
समलैंगिक जोड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट में की याचिका, उपहार कर नियमों में समान अधिकार की मांग

समलैंगिक जोड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट में की याचिका, उपहार कर नियमों में समान अधिकार की मांग

17 Aug 2025 11:44 AM
भारी भूलवश सेवा छोड़ने पर भेल डॉक्टर की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को हाईकोर्ट ने दी मंजूरी

भारी भूलवश सेवा छोड़ने पर भेल डॉक्टर की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को हाईकोर्ट ने दी मंजूरी

20 Aug 2025 6:49 PM
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अवैध स्पीड ब्रेकरों को हटाने का आदेश दिया, भारतीय सड़क कांग्रेस मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अवैध स्पीड ब्रेकरों को हटाने का आदेश दिया, भारतीय सड़क कांग्रेस मानदंडों का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया

19 Aug 2025 1:43 PM
ब्रेकिंग: लखनऊ कोर्ट ने फर्जी बलात्कार के मामले को अंजाम देने और एससी/एसटी अधिनियम का दुरुपयोग करने के लिए वकील को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

ब्रेकिंग: लखनऊ कोर्ट ने फर्जी बलात्कार के मामले को अंजाम देने और एससी/एसटी अधिनियम का दुरुपयोग करने के लिए वकील को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

21 Aug 2025 2:02 PM
मुआवजे के मामले में उच्च न्यायालय ने रेलवे को आवेदन की तारीख से ब्याज देने का निर्देश दिया

मुआवजे के मामले में उच्च न्यायालय ने रेलवे को आवेदन की तारीख से ब्याज देने का निर्देश दिया

21 Aug 2025 8:12 PM
बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन अधिवक्ताओं ने अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में ली शपथ

बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन अधिवक्ताओं ने अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में ली शपथ

19 Aug 2025 2:37 PM
SC ने 5,250 दिन पुराने मामले में देरी की माफ़ी को खारिज किया, मामला बॉम्बे हाईकोर्ट को वापस भेजा

SC ने 5,250 दिन पुराने मामले में देरी की माफ़ी को खारिज किया, मामला बॉम्बे हाईकोर्ट को वापस भेजा

15 Aug 2025 11:15 AM
MP हाईकोर्ट ने कॉलेज एफिलिएशन धोखाधड़ी मामले में एफआईआर और SIT जांच का दिया आदेश

MP हाईकोर्ट ने कॉलेज एफिलिएशन धोखाधड़ी मामले में एफआईआर और SIT जांच का दिया आदेश

21 Aug 2025 9:19 PM