सुप्रीम कोर्ट ने उस केरल हाईकोर्ट आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (CIAL) को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI) के तहत “सार्वजनिक प्राधिकरण” माना गया था।
जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने यह आदेश सुनाया। सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने CIAL की ओर से पैरवी की। कोर्ट ने अनुमति देते हुए मामले को जनवरी 2026 में विस्तृत सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
मामले की पृष्ठभूमि
यह विवाद वर्ष 2019 से जुड़ा है जब राज्य सूचना आयोग ने CIAL को RTI अधिनियम के तहत सार्वजनिक प्राधिकरण घोषित किया और कुछ सूचनाएं साझा करने का निर्देश दिया। CIAL ने इस आदेश को केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी और तर्क दिया कि केरल सरकार का कंपनी के निर्णयों पर कोई नियंत्रण नहीं है, क्योंकि अंतिम निर्णय लेने का अधिकार कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के पास है, जैसा कि कंपनी के अनुच्छेद (Articles of Association) में स्पष्ट है।
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CIAL ने यह भी कहा कि केरल सरकार के पास केवल 32.42% चुकता शेयर पूंजी है और सरकार को किए गए निवेश से अधिक लाभांश वापस किया जा चुका है। कंपनी का कहना था कि निदेशकों की नियुक्ति, जिसमें प्रबंध निदेशक भी शामिल हैं, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी पर निर्भर है।
दूसरी ओर, प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि हवाईअड्डे की परियोजना में सरकार का समर्थन बेहद अहम था। उन्होंने CIAL की वेबसाइट का हवाला देते हुए कहा कि कंपनी ने फेडरल बैंक से 100 मिलियन का ब्रिज लोन लिया था जिसके लिए केरल सरकार ने गारंटी दी थी, क्योंकि कंपनी के पास पर्याप्त सुरक्षा नहीं थी। इसके अलावा, HUDCO ने 1 बिलियन का टर्म लोन 18% ब्याज दर पर 10 वर्षों के लिए राज्य सरकार की गारंटी पर उपलब्ध कराया था।
दिसंबर 2022 में केरल हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सूचना आयोग के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि CIAL वास्तव में सार्वजनिक प्राधिकरण है। कोर्ट ने अनुच्छेद 95 और 125 का हवाला देते हुए कहा कि सरकार का CIAL पर “गहरा और व्यापक नियंत्रण” है।
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इसके बाद CIAL ने रिट अपीलें दायर कीं, लेकिन अगस्त 2023 में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपीलें खारिज कर दीं। खंडपीठ ने पाया कि CIAL की पूर्ववर्ती संस्था कोची इंटरनेशनल एयरपोर्ट सोसाइटी (KIAS) सरकार के आदेश से बनी थी और हवाईअड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण भी केरल सरकार ने किया था।
कोर्ट ने यह भी कहा कि CIAL की पूरी जमीन और संपत्ति का आधार सरकार की पहल पर तैयार हुआ, जिससे यह स्पष्ट है कि सरकार कंपनी के कार्य और प्रबंधन पर पर्याप्त नियंत्रण रखती है।
खंडपीठ ने अंततः CIAL को निर्देश दिया कि वह लंबित RTI आवेदनों का निपटारा कानून में निर्धारित समय सीमा के भीतर करे।
हाईकोर्ट के आदेश से असंतुष्ट होकर CIAL ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई तक राहत दी है।
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“सुप्रीम कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद अनुमति दी और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई। मामला अब जनवरी 2026 में सुना जाएगा।”
मामला: M/S Cochin International Airport Limited बनाम State Information Commission एवं अन्य
मामला संख्या: SLP(C) No. 23330-23345/2025
आदेश की तिथि: 25 अगस्त 2025
अगली सुनवाई: जनवरी 2026