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Supreme Court का बड़ा फैसला: बिना NEET-UG परीक्षा दिए AYUSH छात्रों को डिग्री रखने की अनुमति

19 Feb 2025 11:42 AM - By Shivam Y.

Supreme Court का बड़ा फैसला: बिना NEET-UG परीक्षा दिए AYUSH छात्रों को डिग्री रखने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसमें कुछ अंडरग्रेजुएट AYUSH कोर्स के छात्रों को उनकी डिग्रियां रखने की अनुमति दी गई, भले ही उन्होंने NEET-UG परीक्षा नहीं दी थी।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि जब छात्र अपनी पूरी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं, तो उनके परिणाम रोकना या डिग्री न देना उनके लिए गंभीर कठिनाइयाँ पैदा करेगा।

"यह सच है कि NEET परीक्षा नहीं देने वाले उम्मीदवारों को कॉलेज द्वारा प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए था। लेकिन अब जब इन छात्रों ने अपना कोर्स पूरा कर लिया है, तो उनके परीक्षा परिणाम या डिग्री को रोकना उनके लिए अत्यधिक कठिनाई उत्पन्न करेगा।" - सुप्रीम कोर्ट

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मामले का पूरा विवरण

यह मामला उन छात्रों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने 2019 में बिना NEET-UG परीक्षा दिए AYUSH कोर्स में प्रवेश लिया था। इन छात्रों का तर्क था कि उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि AYUSH कोर्स में प्रवेश के लिए NEET परीक्षा अनिवार्य है।

पहले, कलकत्ता हाई कोर्ट की एकल पीठ ने छात्रों के पक्ष में फैसला सुनाया था और कहा था कि NEET की अनिवार्यता की पर्याप्त जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं थी। लेकिन इसके बाद, भारत सरकार ने इस फैसले को हाई कोर्ट की खंडपीठ में चुनौती दी।

खंडपीठ ने पाया कि 2018 में अखबारों में नोटिस प्रकाशित किया गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि AYUSH कोर्स में प्रवेश के लिए NEET परीक्षा अनिवार्य होगी। इसके अलावा, कई अन्य छात्रों ने NEET-UG 2019 परीक्षा पास करके AYUSH कोर्स में प्रवेश लिया था। इसलिए, खंडपीठ ने छात्रों के इस तर्क को अस्वीकार कर दिया कि उन्हें प्रवेश प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी।

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सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय

जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो कोर्ट के सामने यह सवाल था कि क्या बिना NEET परीक्षा दिए प्रवेश लेने वाले छात्र अपनी डिग्री रख सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि तकनीकी रूप से इन छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए था, लेकिन अब जब उन्होंने पूरा कोर्स पूरा कर लिया है, तो उनके परिणाम रोकना उचित नहीं होगा। कोर्ट ने अपने पहले दिए गए अंतरिम आदेश को निरस्त कर दिया और छात्रों को अपनी डिग्री रखने की अनुमति दे दी।

"अब जब छात्रों ने अपना पूरा कोर्स पूरा कर लिया है, तो उनके परिणाम रोकना उचित नहीं होगा। इससे उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।" - सुप्रीम कोर्ट