मराठा आरक्षण आंदोलन: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मनोज जरांगे को 3 बजे तक आज़ाद मैदान खाली करने का आदेश दिया

By Vivek G. • September 2, 2025

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मराठा नेता मनोज जरांगे को 3 बजे तक आज़ाद मैदान पर चल रहा विरोध प्रदर्शन खत्म करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इसे "ग़ैरक़ानूनी" बताया और चेतावनी दी कि आदेश न मानने पर अवमानना कार्यवाही सहित सख़्त कार्रवाई होगी।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार (2 सितंबर) को मराठा नेता मनोज जरांगे को मुंबई के आज़ाद मैदान पर चल रहे भूख हड़ताल विरोध प्रदर्शन को लेकर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने इसे "ग़ैरक़ानूनी" बताया और जरांगे व उनके समर्थकों को आदेश दिया कि वे आज दोपहर 3 बजे तक मैदान खाली करें

Read in English

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति आरती साठे की खंडपीठ ने साफ़ कहा कि आदेश का पालन न होने पर भारी जुर्माना लगाने और कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।

Read also: तपस कुमार गोस्वामी मामले में यौन शोषण और ब्लैकमेल के आरोपों पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने पुलिस को फिर से जांच का आदेश दिया

सुनवाई के दौरान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा:

“ये प्रदर्शनकारी अनुमति का उल्लंघन कर रहे हैं और अब आगे साइट पर नहीं रह सकते। वे अब ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से जगह पर क़ब्ज़ा नहीं कर सकते। उन्हें तुरंत जाना होगा, वरना हम उचित आदेश पारित करेंगे।”

जरांगे 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर हैं। वे मराठा समुदाय को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी श्रेणी के तहत 10% आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि उन्होंने सोमवार से पानी पीना भी बंद कर दिया है।

Read also: राजस्थान हाईकोर्ट ने SI भर्ती 2021 को पेपर लीक घोटाले के चलते रद्द किया

यह मामला एक जनहित याचिका (PIL) के तहत सुना गया, जिसमें नागरिकों को आंदोलन के कारण हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया गया था। कोर्ट ने पाया कि आंदोलन में शामिल होने के लिए लगभग 1 लाख लोग मुंबई पहुंच गए, जबकि अनुमति केवल 5,000 लोगों की थी।

जरांगे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मानशिंदे ने कोर्ट से जनता को हुई असुविधा के लिए माफ़ी मांगी। उन्होंने दलील दी कि पिछले चार महीनों से राज्य सरकार को सूचित करने के बावजूद पानी, पार्किंग और अन्य सुविधाओं की उचित व्यवस्था नहीं की गई

हालांकि, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने सवाल उठाया:

“जरांगे ने यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए कि 5,000 से ज़्यादा लोग इकट्ठा न हों? नहीं, हम अभी जानना चाहते हैं कि जब आपने देखा कि 1 लाख लोग मुंबई आ गए हैं, तब आपने क्या कदम उठाए?”

मानशिंदे ने भरोसा दिलाया कि सभी वाहन मुंबई से हटा दिए गए हैं और उन्हें नवी मुंबई के खारघर में एक निर्धारित स्थान पर खड़ा किया गया है।

Read also: राष्ट्रपति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नए न्यायाधीश की नियुक्ति की

जब कोर्ट को बताया गया कि जरांगे ने अनुमति बढ़ाने के लिए आवेदन किया है और अब भी आज़ाद मैदान पर बैठे हैं, तब कोर्ट ने कहा:

“सिर्फ़ इस उम्मीद में कि आपके आवेदन पर कोई आदेश पारित होगा, आप वहां नहीं बैठ सकते। हम साफ़ करते हैं कि आपको तुरंत वहां से जाना होगा। यह ग़ैरक़ानूनी है। आज दोपहर 3 बजे के बाद हम सुनिश्चित करेंगे कि वहां कोई न बैठे। ज़रूरत पड़ी तो हम खुद जाएंगे या किसी को भेजेंगे और जांच करेंगे।”

कोर्ट ने राज्य के महाधिवक्ता डॉ. बीरेन्द्र साराफ को यह भी निर्देश दिया कि वे नागरिकों को असुविधा न हो, इसके लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण पेश करें।

कोर्ट ने अब मामला आज दोपहर 3 बजे के लिए सूचीबद्ध किया है और जरांगे समेत सभी प्रदर्शनकारियों को तुरंत आज़ाद मैदान खाली करने का आदेश दिया है।

केस का नाम: एएमवाई फाउंडेशन बनाम महाराष्ट्र राज्य व अन्य

केस नंबर: जनहित याचिका (L) संख्या 25656/2025

Recommended