जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर में हुए भयावह ट्रक हादसे के बाद स्वतः संज्ञान लेते हुए मंगलवार को जनहित याचिका (PIL) दर्ज की। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि पैंतीस से अधिक लोग घायल हुए। अदालत ने मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो को आधार मानते हुए कार्रवाई की।
पृष्ठभूमि
दैनिक भास्कर में 16 सितंबर को प्रकाशित खबर के अनुसार, एक भारी ट्रक कलानी नगर स्क्वायर से बड़ा गणपति स्क्वायर तक के मार्ग पर शाम के व्यस्त समय में घुस आया। लापरवाही से दौड़ाए गए इस ट्रक ने कई वाहनों को टक्कर मार दी, जिससे दर्जनों लोग घायल हो गए और तीन की मौत हो गई। चश्मदीदों के वीडियो, जो बाद में इंटरनेट पर डाले गए, में साफ दिखा कि ट्रक ने दोपहिया, कार और पैदल चल रहे लोगों को रौंदते हुए हड़कंप मचाया और बाद में उसमें आग भी लग गई।
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मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय साराफ की पीठ ने गंभीर चिंता जताई। अदालत ने कहा:
"इंदौर पुलिस आयुक्त यह स्पष्ट करें कि इतना बड़ा ट्रक भीड़भाड़ वाले इलाके में कैसे घुसा और करीब 2 किलोमीटर तक बिना रोके कैसे चला।" अदालत ने यह भी जोड़ा कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम जरूरी हैं।
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अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और इंदौर पुलिस आयुक्त को प्रतिवादी बनाया। उन्हें निर्देश दिया गया है कि लापरवाही और सुरक्षा उपायों पर विस्तृत हलफनामा पेश करें। अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी, जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित रहना होगा।
केस का शीर्षक: संदर्भ में (स्वतः संज्ञान जनहित याचिका) बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य
केस नंबर: W.P. No. 37620 of 2025