भारतीय न्यायपालिका में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, भारत के राष्ट्रपति ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में 10 नए अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। यह नियुक्तियाँ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 224(1) के तहत की गई हैं। विधि और न्याय मंत्रालय ने 1 अगस्त 2025 को आधिकारिक अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी।
नियुक्त न्यायाधीशों की सूची
नियुक्त न्यायाधीश अपने-अपने पद का कार्यभार संभालने की तिथि से दो वर्षों की अवधि के लिए कार्य करेंगे। यह नियुक्तियाँ वरिष्ठता के क्रम में की गई हैं। नियुक्त किए गए न्यायाधीशों के नाम निम्नलिखित हैं:
- श्री विरेंद्र अग्रवाल
- सुश्री मंदीप परमु
- श्री अमरिंदर सिंह ग्रेवाल
- श्री परमोद गोयल
- सुश्री रुपिंदरजीत चहल
- सुश्री शालिनी सिंह नागपाल
- श्री सुभाष महला
- श्री सूर्य प्रताप सिंह
- सुश्री आराधना साहनी
- श्री यशवीर सिंह राठौर
“राष्ट्रपति पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के लिए इन व्यक्तियों को दो वर्षों की अवधि के लिए अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त करते हैं।”
— विधि और न्याय मंत्रालय की अधिसूचना
नियुक्ति की प्रक्रिया और अधिकार
इन नियुक्तियों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 224(1) के तहत किया गया है, जो कि उच्च न्यायालय में मामलों की अधिकता के आधार पर अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति की अनुमति देता है।
“भारतीय संविधान के अनुच्छेद 224 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए...”
— आधिकारिक अधिसूचना से उद्धरण
यह अधिसूचना नई दिल्ली स्थित जैसलमेर हाउस से विधि और न्याय मंत्रालय के नियुक्ति विभाग द्वारा जारी की गई थी। इसे भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री जगंथ श्रीनिवासन ने हस्ताक्षरित किया।
अधिसूचना का वितरण
इस अधिसूचना को विभिन्न सरकारी विभागों और संवैधानिक प्राधिकरणों को भेजा गया, ताकि सभी संबंधित पक्षों को नियुक्ति की जानकारी दी जा सके। प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं:
- पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल
- पंजाब और हरियाणा के राज्यपाल और मुख्यमंत्री
- दोनों राज्यों के मुख्य सचिव
- पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सचिव
- राष्ट्रपति सचिवालय
- प्रधानमंत्री कार्यालय
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार
- सूचना प्रसारण हेतु राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC)
“प्रतियों की प्रतिलिपि न्यायिक अधिकारियों को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से भेजी गई।”
— सरकारी अधिसूचना का उल्लेख