बॉम्बे हाईकोर्ट ने फ़िल्म निर्माता सुनिल साबेरवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने स्टार इंडिया प्रा. लि. (अब जियोस्टार इंडिया प्रा. लि.) को अपनी वेब सीरीज़ लूटेरे को डिज़्नी+ हॉटस्टार पर प्रसारित करने से रोकने की मांग की थी। न्यायमूर्ति संदीप वी. मरने ने 18 अगस्त 2025 को सुनाए गए निर्णय में स्पष्ट किया कि केवल फ़िल्म के नाम (टाइटल) पर कॉपीराइट सुरक्षा उपलब्ध नहीं है।
साबेरवाल, जो श्री कृष्णा इंटरनेशनल के प्रोप्राइटर हैं, ने 1993 में सनी देओल, जूही चावला और नसीरुद्दीन शाह अभिनीत हिंदी फ़िल्म लूटेरे का निर्माण किया था। उन्होंने दावा किया कि इस शीर्षक को वेस्टर्न इंडिया फ़िल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन में पंजीकृत कराया गया था और फ़िल्म का सिनेमैटोग्राफ कॉपीराइट भी उनके पास है। जब उन्हें पता चला कि मार्च 2024 में इसी नाम से एक वेब सीरीज़ हॉटस्टार पर रिलीज़ की गई है, तो उन्होंने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया।
Read Also:-सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट में 14 न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी।
स्टार इंडिया ने इसका विरोध करते हुए कहा कि कॉपीराइट एक्ट, 1957 में केवल शीर्षक को कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले कृषिका लुल्ला बनाम श्याम विठलराव देवकट्टा का हवाला देते हुए कहा गया कि, “सिर्फ़ नाम पर कॉपीराइट नहीं होता।” कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि साबेरवाल की फ़िल्म एक प्रेम कहानी थी जबकि वेब सीरीज़ सोमालियाई समुद्री डकैती पर आधारित है और दोनों की कथानक पूरी तरह अलग हैं।
हाईकोर्ट ने प्रतिवादियों की दलील से सहमति जताते हुए कहा–
“फ़िल्म के केवल नाम पर कॉपीराइट नहीं हो सकता। वादी लूटेरे शब्द पर विशेष अधिकार का दावा नहीं कर सकता। इस आधार पर कोई अंतरिम निषेधाज्ञा (injunction) नहीं दी जा सकती।”
न्यायालय ने यह भी पाया कि साबेरवाल 2022 से वेब सीरीज़ के निर्माण की जानकारी होने के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं कर पाए और इस बीच सीरीज़ रिलीज़ होकर प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हो गई। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रोड्यूसर्स एसोसिएशनों द्वारा दिए गए टाइटल पंजीकरण केवल आंतरिक अनुबंधीय व्यवस्था है, जिसका कोई वैधानिक प्रभाव नहीं होता और यह गैर-सदस्यों पर लागू नहीं होता।
Read Also:-बॉम्बे हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक आर. तमिल सेलवन के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत ने माना कि वादी न तो प्रथम दृष्टया (prima facie) अधिकार साबित कर पाए, न अपूरणीय क्षति और न ही संतुलन का पक्ष। परिणामस्वरूप, अंतरिम निषेधाज्ञा की मांग खारिज कर दी गई और वेब सीरीज़ लूटेरे डिज़्नी+ हॉटस्टार पर उपलब्ध बनी हुई है।
केस टाइटल: Sunil S/o Darshan Saberwal v. Star India Pvt. Ltd. & Ors.
केस नंबर: Interim Application No. 3347 of 2024 in Commercial IPR Suit No. 236 of 2024