ब्रांड पहचान की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रेडमार्क रजिस्टर से 'अनकाइंड' ट्रेडमार्क को हटाने का आदेश दिया है। यह फैसला मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड द्वारा दायर एक सुधार याचिका पर आया, जिसमें कंपनी ने तर्क दिया था कि यह मार्क उनके सुप्रसिद्ध 'काइंड' परिवार के ट्रेडमार्क्स से भ्रामक रूप से मिलता-जुलता है।
22 अगस्त, 2025 को न्यायमूर्ति तेजस करिया ने यह फैसला सुनाते हुए मैनकाइंड फार्मा के 'काइंड' मार्क्स से जुड़ी ख्याति और विशिष्टता पर जोर दिया। कंपनी, जो 1986 से 'मैनकाइंड' मार्क का उपयोग कर रही है, के पास 'काइंड' शब्द वाले 300 से अधिक पंजीकृत ट्रेडमार्क हैं। अदालत ने नोट किया कि 'मैनकाइंड' मार्क को आधिकारिक तौर पर ट्रेडमार्क रजिस्ट्रार द्वारा एक 'सुप्रसिद्ध ट्रेडमार्क' के रूप में मान्यता दी जा चुकी है।
प्रतिवादी, राम कुमार M/S डॉ. कुमार्स फार्मास्यूटिकल्स, ने 2008 में कक्षा 35 में 'अनकाइंड' पंजीकृत कराया था, लेकिन कई अवसरों के बावजूद अदालत में पेश होने में विफल रहा। अदालत ने एक पक्षीय (एकतरफा) कार्यवाही करते हुए मैनकाइंड के अखंडित तर्कों को स्वीकार किया। याचिकाकर्ता के वकील, श्री हेमंत पसवानी, ने तर्क दिया कि 'काइंड' प्रत्यय दशकों के उपयोग और प्रचार में पर्याप्त निवेश के माध्यम से विशिष्टता हासिल कर चुका है। केवल वर्ष 2017 में 'काइंड' वाले उत्पादों के लिए कंपनी का वार्षिक कारोबार ₹1300 करोड़ से अधिक था।
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न्यायमूर्ति करिया ने पहले के फैसलों जैसे मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड बनाम कड़ीला फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड का जिक्र किया, जहां यह माना गया था कि 'काइंड' शब्द का फार्मास्यूटिकल उत्पादों से कोई संबंध नहीं है और याचिकाकर्ता के साथ इसके विशेष जुड़ाव के कारण इसको उच्च सुरक्षा का हकदार है। अदालत ने कहा, "मार्क के पहले हिस्से को बदलकर विशिष्ट परिवार नाम का उपयोग करने से बाजार में भ्रम की स्थिति पैदा होने की संभावना है।"
यह फैसला उन सुप्रसिद्ध ट्रेडमार्क्स की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है जिन्हें स्थापित सद्भावना का लाभ उठाने की कोशिश करने वाले अन्य लोगों द्वारा बेईमानी से अपनाया जाता है। ट्रेडमार्क रजिस्ट्री को 'अनकाइंड' पंजीकरण को रद्द करने और अपने रिकॉर्ड को तुरंत अद्यतन करने का निर्देश दिया गया है। यह फैसला भारत के प्रतिस्पर्धी बाजार में ब्रांड पहचान और उपभोक्ता विश्वास की सुरक्षा करने वाले कानूनी ढांचे को मजबूत करता है।
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केस का शीर्षक: मैनकाइंड फार्मा लिमिटेड बनाम राम कुमार मेसर्स डॉ. कुमार्स फार्मास्युटिकल्स एवं अन्य
केस संख्या: C.O. (COMM.IPD-TM) 566/2022