दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य बार काउंसिल चुनावों के लिए नामांकन शुल्क ₹1.25 लाख तक बढ़ाने के बीसीआई (बार काउंसिल ऑफ इंडिया) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार, बीसीआई और दिल्ली बार काउंसिल से जवाब मांगा।
यह याचिका अधिवक्ता प्रमोद कुमार सिंह द्वारा अधिवक्ताओं सी.एस. राठौर और संजीव कुमार के माध्यम से दाखिल की गई थी। याचिका में बीसीआई के 25 सितंबर के निर्णय को “मनमाना और अनुचित” बताया गया है। सिंह का तर्क है कि इतनी अधिक वृद्धि से कई वकील - खासकर युवा और छोटे प्रैक्टिशनर - अपने पेशेवर निकाय की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा।
पीठ ने टिप्पणी की कि यह मामला
"बार चुनावों में पहुंच और निष्पक्षता के बड़े प्रश्न" से संबंधित है।
अब इस मामले की सुनवाई 10 दिसंबर को होगी, जिसमें अदालत ने सभी पक्षों को अगली तारीख से पहले अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
Case Title: Pramod Kumar Singh v. Bar Council of India & Ors










