Logo
Court Book - India Code App - Play Store

advertisement

आर्मस्ट्रांग हत्याकांड में नया मोड़, पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में CBI जांच का समर्थन किया, राज्य पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए

Vivek G.

Slain BSP नेता Armstrong की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में CBI जांच का समर्थन किया, तमिलनाडु पुलिस जांच में खामियों का आरोप लगाया। गवाह सुरक्षा और निगरानी की मांग।

आर्मस्ट्रांग हत्याकांड में नया मोड़, पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में CBI जांच का समर्थन किया, राज्य पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए

एक भावनात्मक पहलू जोड़ते हुए, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हत्या किए गए BSP नेता और दलित अधिकार कार्यकर्ता आर्मस्ट्रॉन्ग की पत्नी पोरकोडी द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई हुई। उन्होंने तमिलनाडु पुलिस की प्रारंभिक जांच पर गहरा अविश्वास व्यक्त करते हुए मामले में जारी CBI जांच का समर्थन किया।

Read in English

पृष्ठभूमि

आर्मस्ट्रॉन्ग की 5 जुलाई 2024 को चेन्नई के पेरम्बूर स्थित उनके घर के बाहर सरेआम हत्या कर दी गई थी। इस हत्या ने राज्य में और दलित अधिकार समूहों के बीच व्यापक आक्रोश पैदा किया था।

Read also:- दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व एमडी पुनिता खट्टर की कंपनी की संपत्ति रोके रखने के मामले में आपराधिक कार्यवाही रद्द करने की याचिका खारिज की

इससे पहले, मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में प्रक्रियात्मक खामियां और तथ्यात्मक विरोधाभास पाते हुए जांच CBI को सौंप दी थी। तमिलनाडु सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर को चार्जशीट रद्द करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन CBI जांच को रोकने से इनकार कर दिया था।

अदालत की टिप्पणियाँ

सुनवाई के दौरान, पोरकोडी के वकील ने कहा कि यह मामला सिर्फ स्थानीय अपराध का नहीं है, बल्कि “राष्ट्रीय चेतना” से जुड़ा सवाल है।

उन्होंने मांग की कि CBI जांच सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाली पर्यवेक्षण समिति की निगरानी में हो, जैसा कि करूर भगदड़ मामले में किया गया था। उनका कहना था कि पुलिस चार्जशीट में कई महत्वपूर्ण तथ्य “जानबूझकर” छोड़े गए हैं।

Read also:- केरल उच्च न्यायालय ने पत्नी को तलाक की अनुमति देते हुए कहा कि पति द्वारा संदेह और नियंत्रण तलाक अधिनियम, 1869 के तहत मानसिक क्रूरता है।

पीठ ने इन तर्कों को ध्यान से सुना। सुनवाई के दौरान एक न्यायाधीश ने टिप्पणी की: “यदि हाई कोर्ट को जांच में प्रारंभिक रूप से कमियां मिली हैं, तो इस अदालत के लिए यह देखना आवश्यक है कि क्या जांच वास्तव में प्रभावित हुई थी।”

पोरकोडी ने 2018 की गवाह संरक्षण योजना के तहत गवाहों की सुरक्षा की मांग भी की। उनका कहना था कि मामले से जुड़े कई लोग “डरे हुए और असुरक्षित” हैं, और बिना सुरक्षा के खुलकर बयान नहीं दे पाएंगे।

Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने पिता की मौत के मामले में दोषी बेटे की सज़ा निलंबित की, कहा-अपील लंबी चल रही, 5 साल जेल भुगते

निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले का निपटारा नहीं किया और आगे की सुनवाई के लिए इसे सूचीबद्ध कर दिया। फिलहाल CBI जांच जारी रहेगी। पीठ ने संकेत दिया कि अंतिम आदेश से पहले अतिरिक्त पर्यवेक्षण उपायों की आवश्यकता पर विचार किया जाएगा।

मामला अगली सुनवाई की तारीख पर वापस आएगा।

Case Title: Commissioner of Police vs. K. Immanuvel @ Keynos Armstrong & Another

Case Type: Special Leave Petition (Criminal).

Court: Supreme Court of India.

Matter Origin: Appeal against a Madras High Court order.

Advertisment

Recommended Posts