शुक्रवार सुबह केरल हाई कोर्ट में, न्यायमूर्ति राजा विजयाराघवन वी और न्यायमूर्ति के.वी. जयकुमार की पीठ ने सबरीमाला स्पेशल कमिश्नर की रिपोर्ट पर सुनवाई की, जो मंडला-मकरविलक्कु यात्रा सीजन 2025-26 के दौरान भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा से संबंधित थी। अदालत में उपस्थित भीड़ इस बात का प्रमाण थी कि संनिधानम में सुरक्षा कितनी गंभीरता से ली जाती है, खासकर दिसंबर के पहले हफ्ते में जब लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
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Background
यह मामला हाई कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई कार्यवाही से जुड़ा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस वर्ष की व्यवस्थाएँ पर्याप्त हैं या नहीं। अदालत ने उल्लेख किया कि इस अवधि से संबंधित “ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में कुछ गंभीर घटनाएँ” रही हैं और जन-संवेदनशीलता आज भी उतनी ही मजबूत है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जो सबरीमाला में मुख्य समन्वयक की भूमिका में हैं) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती से लेकर निगरानी कैमरों, खुफिया समन्वय और तीर्थयात्रियों की आवाजाही प्रबंधन तक हर पहलू को विस्तार से बताया गया है।
Court’s Observations
अदालत ने रिपोर्ट को ध्यानपूर्वक पढ़ने के बाद इसे काफी मजबूत माना।
पीठ ने कहा,
“हम रिपोर्ट को संतोषजनक, व्यापक और सुविचारित पाते हैं”, साथ ही यह भी चेताया कि लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।
न्यायाधीशों ने दोहराया कि संनिधानम में सुरक्षा अक्सर “शून्य-त्रुटि” जिम्मेदारी होती है। एक कोर्ट अधिकारी ने सुनवाई बाद मुझसे कहा, “यह ऐसा समय है जब एक छोटी सी कमी भी अफरातफरी मचा सकती है।”
अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुख्य समन्वयक को यह सुनिश्चित करना होगा कि “सुरक्षा ढाँचे को मजबूत करने में कोई कसर न छोड़ी जाए” और सभी संबंधित एजेंसियों के बीच लगातार तालमेल बना रहे।
Decision
अदालत ने फिलहाल रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यह निर्देश दिया कि स्थिति की लगातार निगरानी जारी रहे और इस महत्वपूर्ण अवधि में उच्च सतर्कता बनाए रखी जाए। अगली समीक्षा सुनवाई 17 दिसंबर 2025 को होगी। अदालत ने आदेश पारित कर सुनवाई समाप्त कर दी।
Case Title:- Suo Motu v State of Kerala
Case No:- SSCR No. 37 of 2025










