सुप्रीम कोर्ट ने एम/एस आर्मर सिक्योरिटी (इंडिया) लिमिटेड की अपील खारिज कर दी, जिसमें कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें CGST अधिनियम, 2017 की धारा 70 के तहत जारी समन को बरकरार रखा गया था।
सुरक्षा सेवाएं प्रदान करने वाली इस कंपनी को पहले राज्य GST प्राधिकरण से अप्रैल 2020 से मार्च 2021 की अवधि के लिए ₹1.24 करोड़ के कथित गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावों को लेकर कारण बताओ नोटिस मिला था। इसके बाद, केंद्रीय GST (दिल्ली ईस्ट कमिश्नरेट) ने तलाशी अभियान चलाकर दस्तावेज जब्त किए और कंपनी के निदेशकों को समन जारी किया। आर्मर सिक्योरिटी का तर्क था कि चूंकि राज्य GST प्राधिकरण पहले ही इसी मुद्दे पर कार्यवाही शुरू कर चुका है, इसलिए केंद्रीय GST को CGST अधिनियम की धारा 6(2)(b) के तहत अधिकार नहीं है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि समन केवल जांच का हिस्सा है, यह धारा 6(2)(b) के तहत "कार्रवाई की शुरुआत" नहीं है, जो केवल आकलन, मांग और दंड संबंधी कार्रवाइयों पर लागू होती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस राय से सहमति जताई और कहा:
"धारा 70 के तहत समन जारी करना जानकारी एकत्र करने का कदम है और इसे धारा 6(2)(b) के तहत कार्यवाही की शुरुआत नहीं माना जा सकता।"
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अदालत ने स्पष्ट किया कि धारा 6 का उद्देश्य समानांतर आकलन कार्यवाहियों को रोकना है, न कि अलग-अलग जांच को रोकना। कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए केंद्रीय GST प्राधिकरण को अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी।
मामले का शीर्षक: मेसर्स आर्मर सिक्योरिटी (इंडिया) लिमिटेड बनाम आयुक्त, सीजीएसटी, दिल्ली पूर्व आयुक्तालय एवं अन्य
मामला संख्या: विशेष अनुमति याचिका (सी) संख्या 6092/2025
निर्णय तिथि: 2025 (2025 आईएनएससी 982 के रूप में रिपोर्ट किया गया)