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सुप्रीम कोर्ट ने फ़ार्मेसी कोर्स अनुमोदन की समयसीमा बढ़ाई, PCI को 2025-26 सत्र के लिए लंबित आवेदनों पर पुनर्विचार निर्देश

Vivek G.

सुप्रीम कोर्ट ने फ़ार्मेसी कोर्स अनुमोदन की समयसीमा बढ़ाई, PCI को 2025–26 सत्र के लंबित आवेदन पुनर्विचार के निर्देश दिए। कॉलेजों को राहत।

सुप्रीम कोर्ट ने फ़ार्मेसी कोर्स अनुमोदन की समयसीमा बढ़ाई, PCI को 2025-26 सत्र के लिए लंबित आवेदनों पर पुनर्विचार निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU), उत्तर प्रदेश और फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया (PCI) को फ़ार्मेसी कॉलेजों के लिए 2025–26 शैक्षणिक सत्र की अनुमोदन प्रक्रिया पूरी करने के लिए दी गई समय सीमा को बढ़ा दिया। कई शैक्षणिक संस्थानों के लिए यह सुनवाई महत्वपूर्ण थी, क्योंकि वे इस निर्णय का इंतज़ार कर रहे थे। अदालत में सुनवाई के दौरान माहौल अपेक्षाकृत सीधा और व्यवहारिक रहा।

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पृष्ठभूमि

यह मामला PCI और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के रेगुलेटरी अधिकारों को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद से जुड़ा है। फ़ार्मेसी कोर्स चलाने वाले कॉलेजों को हर वर्ष छात्रों के प्रवेश से पहले अनुमोदन की आवश्यकता होती है, और इनमें देरी होने पर छात्रों का भविष्य अनिश्चित हो सकता है।

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इस वर्ष कई कॉलेजों ने याचिकाएँ दाखिल की थीं, जिनमें उन्होंने आगामी शैक्षणिक सत्र में फ़ार्मेसी कोर्स शुरू करने या जारी रखने की अनुमति मांगी थी। कॉलेजों का कहना था कि अनुमोदन की समयसीमा नज़दीक है और तत्काल निर्देश ज़रूरी हैं।

अदालत की टिप्पणियाँ

सुनवाई के दौरान फ़ार्मेसी काउंसिल ऑफ़ इंडिया के वकील ने कहा कि PCI वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए लंबित आवेदनों पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है। इस बयान को अदालत ने ध्यान से दर्ज किया और इससे स्पष्ट राहत का संकेत मिला।

सुनवाई के दौरान पीठ ने एक बिंदु पर कहा, “यदि प्राधिकरण स्वयं अनुमोदनों पर पुनर्विचार करने को तैयार है, तो इन याचिकाओं में आगे निर्णय देने की आवश्यकता नहीं रह जाती।”

अदालत में माहौल शांत था और वकीलों के बीच किसी तीखी बहस की स्थिति नहीं बनी। कई कॉलेज प्रतिनिधि PCI की सहमति सुनकर visibly राहत महसूस करते दिखे। अदालत ने इस बार व्यापक रेगुलेटरी चर्चा में प्रवेश करने के बजाय शिक्षा सत्र की समय पर शुरुआत को प्राथमिकता दी।

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अदालत का निर्णय

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि AKTU और PCI दोनों को अनुमोदन प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय सीमा 15 नवंबर 2025 तक बढ़ाई जाती है। यह विस्तार 2025–26 शैक्षणिक वर्ष के आवेदन प्रसंस्करण के लिए महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा, अदालत ने PCI का यह आश्वासन रिकॉर्ड किया कि वह वर्तमान सत्र के लिए फ़ार्मेसी कोर्स अनुमोदन से संबंधित सभी लंबित आवेदनों पर पुनर्विचार करेगा।

इसके बाद अदालत ने कहा कि अब इन याचिकाओं में विचार करने के लिए कुछ नहीं बचा है, और इसलिए सभी याचिकाएँ निपटाई जाती हैं।

आदेश इसी निर्देश पर समाप्त होता है, बिना किसी अतिरिक्त शर्त या निगरानी के।

Case: Pharmacy Council of India vs. AICTE & Others (Related Applications & Writ Petitions)

Court: Supreme Court of India, Bench led by Chief Justice

Date of Order: 31 October 2025

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