Logo
Court Book - India Code App - Play Store

advertisement

केरल हाईकोर्ट ने ‘इंडिया गेट’ ट्रेडमार्क रद्द करने की PAS एग्रो फूड्स की याचिका खारिज की, कहा केवल दिल्ली हाईकोर्ट को अधिकार

Shivam Y.

केरल उच्च न्यायालय ने केआरबीएल के 'इंडिया गेट' ट्रेडमार्क को रद्द करने की पीएएस एग्रो फूड्स की याचिका को खारिज कर दिया, यह फैसला सुनाया कि ट्रेडमार्क अधिनियम के तहत केवल दिल्ली उच्च न्यायालय के पास ही अधिकार क्षेत्र है। - पास एग्रो फूड्स बनाम केआरबीएल लिमिटेड और अन्य।

केरल हाईकोर्ट ने ‘इंडिया गेट’ ट्रेडमार्क रद्द करने की PAS एग्रो फूड्स की याचिका खारिज की, कहा केवल दिल्ली हाईकोर्ट को अधिकार

ट्रेडमार्क विवादों पर क्षेत्रीय अधिकार-क्षेत्र (jurisdiction) को लेकर आए एक अहम फैसले में, केरल हाईकोर्ट ने PAS Agro Foods नामक केरल स्थित कंपनी की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने दिल्ली की प्रमुख कंपनी KRBL Limited के पंजीकृत ट्रेडमार्क ‘India Gate’ को रद्द करने की मांग की थी।

Read in English

यह मामला न्यायमूर्ति एम. ए. अब्दुल हकीम की पीठ ने 27 अक्टूबर 2025 को सुना और फैसला सुनाया। मुख्य प्रश्न यह था कि क्या केरल हाईकोर्ट उस ट्रेडमार्क को रद्द करने की याचिका सुन सकती है जो नई दिल्ली में पंजीकृत हुआ था।

पृष्ठभूमि

विवाद की शुरुआत तब हुई जब KRBL Limited - जिसने इंडिया गेट ट्रेडमार्क 1993 में पंजीकृत कराया था (और 2019 में असाइनमेंट डीड के जरिए अधिकार प्राप्त किए) - ने PAS Agro Foods के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन (infringement) का मामला तिस हजारी कमर्शियल कोर्ट, नई दिल्ली में दायर किया।

Read also:- तलाक समझौता असफल होने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने एनआरआई पति की दहेज उत्पीड़न एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज की

दिल्ली कोर्ट ने जनवरी 2025 में PAS Agro के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा (temporary injunction) जारी की और पुलिस की मदद से उनके पालताड स्थित व्यापारिक परिसर से इंडिया गेट नाम वाले पैकेजिंग व अन्य सामग्री जब्त की गई।

इसके बाद, PAS Agro ने फरवरी 2025 में ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 की धारा 57 के तहत KRBL के ट्रेडमार्क को रद्द करने हेतु केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जवाब में, KRBL ने याचिका की स्वीकार्यता (maintainability) पर आपत्ति उठाई - यह कहते हुए कि मामला न तो क्षेत्राधिकार में आता है और न ही समयानुकूल है।

अदालत की टिप्पणियाँ

न्यायमूर्ति हकीम ने KRBL द्वारा उठाए गए दो बिंदुओं पर सुनवाई की -

  1. क्षेत्रीय अधिकार-क्षेत्र का अभाव, और
  2. ट्रेड मार्क्स अधिनियम की धारा 124 के तहत मामले की समयपूर्वता।

क्षेत्राधिकार पर KRBL का तर्क था कि चूंकि इंडिया गेट ट्रेडमार्क दिल्ली ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में पंजीकृत है, इसलिए केवल दिल्ली हाईकोर्ट ही इसके निरस्तीकरण (rectification) की याचिका सुन सकती है। उन्होंने The Hershey Company v. Dilip Kumar Bacha और M/s Woltop India Pvt. Ltd. v. Union of India जैसे मामलों का हवाला दिया।

Read also:- सुप्रीम कोर्ट ने ओरियन कॉनमर्क्स की आग को दुर्घटनावश माना, नेशनल इंश्योरेंस को पूरा मुआवज़ा देने का आदेश

वहीं, याचिकाकर्ता PAS Agro का कहना था कि चूंकि उसके व्यवसाय स्थल (पालक्काड, केरल) से सामान जब्त किया गया, इसलिए “कारण की उत्पत्ति” (cause of action) का हिस्सा केरल में हुआ और इसलिए केरल हाईकोर्ट को अधिकार है। उन्होंने Dr. Reddy's Laboratories Ltd. v. Fast Cure Pharma में दिए गए “डायनैमिक इफेक्ट” सिद्धांत का हवाला दिया, जिसके अनुसार जहां पंजीकरण का प्रभाव महसूस होता है, वहां मामला दायर किया जा सकता है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति हकीम ने स्वीकार किया कि विभिन्न हाईकोर्टों के निर्णय इस मुद्दे पर भिन्न हैं, पर उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट के Woltop India मामले से सहमति जताई, जिसमें कहा गया था कि “अन्य किसी व्याख्या से अधिकार-क्षेत्र में अराजकता फैल जाएगी।”

“मैं मद्रास हाईकोर्ट के विचार से सहमत हूं। ‘डायनैमिक इफेक्ट’ के आधार पर किसी हाईकोर्ट को अधिकार देना अधिनियम की योजना के विपरीत होगा और इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न होगी,” न्यायाधीश ने कहा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हाईकोर्ट जो संबंधित ट्रेडमार्क रजिस्ट्री पर अपीलीय अधिकार रखती है, वही ऐसे मामलों की सुनवाई कर सकती है। इस मामले में यह दिल्ली हाईकोर्ट है।

मामले का समय से पहले दाखिल होना

अदालत ने आगे कहा कि PAS Agro की याचिका समय से पहले दाखिल की गई थी क्योंकि दिल्ली की कमर्शियल कोर्ट ने अभी तक KRBL के ट्रेडमार्क की वैधता पर कोई मुद्दा (issue) तय नहीं किया था, जो धारा 124(1)(ii) के तहत अनिवार्य शर्त है।

Read also:- गुजरात में भतीजी को जिंदा जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जेमाबेन की उम्रकैद बरकरार रखी

सुप्रीम कोर्ट के Patel Field Marshal Agencies v. P.M. Diesels Ltd. (2018) निर्णय का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति हकीम ने कहा कि जब किसी ट्रेडमार्क उल्लंघन वाद पर सुनवाई चल रही हो, तब तक उच्च न्यायालय में निरस्तीकरण याचिका नहीं दायर की जा सकती, जब तक कि वाणिज्यिक अदालत पहले यह न माने कि वैधता को लेकर उठाई गई आपत्ति prima facie (प्रथम दृष्टया) उचित है।

“अगर पक्षकारों को मनमाने ढंग से निरस्तीकरण याचिका दाखिल करने की छूट दी जाए, तो हर ट्रेडमार्क वाद को अनिश्चित काल तक रोका जा सकता है,” पीठ ने टिप्पणी की।

अदालत का निर्णय

KRBL द्वारा उठाए गए दोनों आपत्तियों को स्वीकार करते हुए, केरल हाईकोर्ट ने PAS Agro Foods की याचिका अस्वीकार्य घोषित की।

“चूंकि ‘इंडिया गेट’ ट्रेडमार्क दिल्ली ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में पंजीकृत है, इसलिए केवल दिल्ली हाईकोर्ट को अधिकार है। अतः यह मामला क्षेत्राधिकार और समय, दोनों आधारों पर अस्थायी (not maintainable) है,” आदेश में कहा गया।

इसके परिणामस्वरूप, I.A. No. 2/2025 को स्वीकृत किया गया और Special Jurisdiction Case (SP.JC No. 2/2025) को खारिज कर दिया गया।

इस फैसले से स्पष्ट है कि PAS Agro अब किसी भी चुनौती के लिए पहले तिस हजारी कमर्शियल कोर्ट, दिल्ली से वैधता पर मुद्दा तय करवाएगा और उसके बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।

Case Title:- Pas Agro Foods v. KRBL Limited and Ors.

Advertisment

Recommended Posts